MCD Ward Committee Election 2024: दिल्ली नगर निगम में बुधवार (4 सितंबर) को वार्ड समिति के चुनाव होने हैं. वार्ड कमेटी चुनाव को स्टैंडिंग कमेटी की चुनाव के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है. यही वजह है कि एक बार फिर दिल्ली में आम आदमी पार्टी और दिल्ली के एलजी के बीच तकरार की स्थिति है. मंगलवार रात तक मेयर की तरफ से चुनाव को लेकर प्रोसिडिंग अफसर  नियुक्त नहीं किया गया था, जिसकी वजह से चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. 


एलजी के इस रुख से सवाल यह उठ खड़ा हुआ है कि आज पहले से तय समय पर चुनाव हो पाएगा या नहीं. मंगलवार देर रात को दिल्ली के एलजी ने इस मामले में समय से चुनाव करवाने के आदेश जारी कर दिए.


मेयर का चुनाव अधिकारी नियुक्त करने से इनकार


दिल्ली की मेयर शेली ओबेरॉय ने बुधवार को होने वाले वार्ड समिति के चुनाव को लेकर प्रोसिडिंग अफसर नियुक्त करने से इंकार कर दिया, जिसकी वजह केवल एक दिन की नोटिस देने के चलते नामांकन दाखिल करने में असमर्थ पार्षदों से कई ज्ञापन प्राप्त होने की बात कही गई है. मेयर के मुताबिक नामांकन प्रक्रिया के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए था. मेयर का आरोप है कि उनके निर्देश देने के बाद भी नगर निगम सचिव को चुनाव की अधिसूचना देने में पांच दिन लग गए, ऐसे में नामांकन दाखिल करने के लिए सिर्फ एक दिन कैसे दिया जा सकता है? 


मेयर ने वजह यह भी बताई की एमसीडी के इतिहास में नामांकन दाखिल करने के लिए इतना कम समय पहले कभी नहीं दिया गया. आदेश में मेयर ने आयुक्त को नामांकन दाखिल करने के लिए कम से कम एक सप्ताह का नोटिस देकर चुनाव प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने का आदेश दिया है. 


बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को घेरा 


मंगलवार रात को मेयर की तरफ से प्रोसिडिंग अफसर नियुक्त ना करने वाले आदेश पर एमसीडी में बीजेपी नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह ने मेयर और आम आदमी पार्टी को घेरते हुए यह बात कहीं की आम आदमी पार्टी एमसीडी में काम न होने देने के लिए जिम्मेदार है और चुनाव में बीजेपी जीत रही है. यही वजह है कि मेयर ने यह नोटिफिकेशन जारी किया. 


एलजी के दखल से चुनाव का रास्ता साफ 


दिल्ली नगर निगम के प्रशासक एलजी हैं, जिन्होंने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए जोनल डिप्टी कॉमिशनर को प्रोसिडिंग अफसर बनाया. इस पर निगम सचिवालय ने इलेक्शन होने का नोटिस जारी कर दिया. यानी मेयर के पीठासीन अधिकारी नियुक्त न कर पाने की स्थिति में दिल्ली के एलजी ने पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर दिए. लिहाजा इलेक्शन तय वक्त पर ही होगा. यानी एक बार फिर दिल्ली के एलजी और आम आदमी पार्टी के बीच अवरोध का मुद्दा उठ खड़ा हुआ है. 


ये है  सियासी समीकरण 


दिल्ली में बुधवार को होना है 12 वार्ड कमेटी और स्टैंडिंग कमेटी के मेंबर का होगा चुनाव. इन चुनावों से दिल्ली नगर निगम की सबसे शक्तिशाली माने जाने वाली स्टैंडिंग कमेटी में कौन पड़ेगा भारी यह तय होगा. एमसीडी सदन में यूं तो आम आदमी पार्टी का बहुमत है लेकिन अलग-अलग वार्ड कमेटी में संख्या बल अलग हैं. वार्ड कमेटी में 10 एल्डरमैन भी वोट कर सकते हैं जिनकी नियुक्ति का अधिकार सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल को दे दिया है . 


एलजी ने इन एल्डरमैन की नियुक्ति ऐसे वार्ड कमेटी में की है जहां आम आदमी पार्टी को मामूली बहुमत था. साथ ही दिल्ली नगर निगम में दल बदल कानून लागू नहीं हैं, इसलिए आम आदमी पार्टी को यह भी डर है कि बीजेपी उनके कुछ पार्षदों को अपनी तरफ कर सकती है. ऐसे में 12 वार्ड कमेटी में 7 या 8 कमेटियों पर बीजेपी का कब्जा हो सकता है. 


इस आशंका को देखते हुए मेयर ने इस बात का हवाला देकर की प्रत्याशियों को नोमिनेशन का वक्त नहीं मिला, प्रोसिडिंग अफसर की नियुक्ति करने से इनकार कर दिया, लेकिन तत्काल उपराज्यपाल ने पिछले साल संसद में कानून में किए गए फिर बदलाव में मिले पावर का इस्तेमाल कर एमसीडी कमिश्नर के जरिए पीठासीन पदाधिकारी की नियुक्ति कर दी. अब बुधवार को यह चुनाव सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच होना है.