Delhi Zoo: दिल्ली में हवा की खराब गुणवत्ता लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. इस बीच राजधानी दिल्ली में मौजूद चिड़ियाघर में भी वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कुछ ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. इस कड़ी में चिड़ियाघर में धूल को नियंत्रित करने के लिए के लिए पानी का छिड़काव किया जा रहा है. साथ ही जलाने के लिए पराली और पर्यावरण के हिसाब से वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. चिड़ियाघर प्रशासन की कोशिश है कि ठंड से बचने के लिए वह सब उपाय किए जाएं जिससे वायु पर खराब असर ना पड़े और दिल्ली की हवा को ज्यादा ज्यादा सुरक्षित रखा जाए. 


अधिकारियों ने कहा कि चिड़ियाघर के अधिकारियों ने परिसर पर प्रदूषण के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों प्रभावों को कम करने के लिए सक्रिय कदमों की रूपरेखा तैयार की है क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में दिसंबर के तीसरे सप्ताह में वायु की गुणवत्ता खराब होती जा रही है. एक अधिकारी ने बताया कि चिड़ियाघर के अपेक्षाकृत निचले इलाके में स्थित होना कुछ प्राकृतिक सुरक्षा प्रदान करता है, लेकिन जानवरों की सुरक्षा के प्रयास सर्वोच्च प्राथमिकता बने हुए हैं. 


दूसरे इलाकों के मुकाबले चिड़ियाघर में प्रदूषण का स्तर कम


उन्होंने कहा कि चिड़ियाघर की भौगोलिक स्थिति के कारण यहां प्रदूषण का स्तर दूसरी जगहों के मुकाबले कम है, लेकिन हम अभी भी जानवरों की सुरक्षा के लिए विभिन्न कदम उठा रहे हैं. अधिकारी ने बताया कि नियमित रूप से पानी का छिड़काव भी किया जा रहा है, खास तौर पर रिंग रोड के पास और बाहर से आने वाले प्रदूषकों से प्रभावित अन्य क्षेत्रों को देखते हुए यह कदम उठाए जा रहे हैं. 

उन्होंने बताया कि पानी का छिड़काव करने और धूल तथा वायुजनित प्रदूषकों को दबाने के लिए फॉगर मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. बता दें कि दिल्ली में AQI लगातार बढ़ता जा रहा है. हाल के दिनों में राजधानी के कुछ इलाकों में AQI करीब 427 दर्ज किया गया है. ऐसे में दिल्ली सरकार की ओर से भी राजधानी में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाए जा रहे हैं. 


ये भी पढ़ें: दिल्ली के 2 मंजिला फैक्ट्री में भयंकर आग, 8 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पाया काबू, देखें तस्वीरें