Deepfake Video: मेदांता अस्पताल के चेयरमैन नरेश त्रेहन हुए डीपफेक का शिकार, फर्जी वीडियो वायरल, FIR दर्ज
Naresh Trehan Deepfake Video: डीसीपी (साइबर क्राइम) सिद्धांत जैन ने कहा कि साइबर ईस्ट पुलिस स्टेशन में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 419 और 420 (धोखाधड़ी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
Medanta Hospital Complaint On Deepfake Video: मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन भी डीपफेक का शिकार हो गए हैं. मेदांता हॉस्पिटल की ओर से मोटापे की दवा को लेकर फर्जी वीडियो को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई है. मेदांता अस्पताल ने मंगलवार (19 मार्च) को एक शिकायत दर्ज कराई कि एक 'डीपफेक' वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा है, जिसमें उसके चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (MD) डॉ. नरेश त्रेहान एक वजन घटाने वाली दवा का समर्थन करते दिख रहे हैं.
डीसीपी (साइबर क्राइम) सिद्धांत जैन ने कहा कि साइबर ईस्ट पुलिस स्टेशन में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 419 (धोखाधड़ी के लिए प्रतिरूपण) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है और जांच की जा रही है.
डीपफेक का शिकार हुए डॉ. नरेश त्रेहन
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक वीडियो का फेसबुक लिंक, जिसमें डॉ त्रेहान का चेहरा और आवाज है, शिकायत दर्ज होने के बाद निष्क्रिय कर दिया गया. डीपफेक सामग्री - ऑडियो, वीडियो और फोटो को संदर्भित करता है, जिसे डीप लर्निंग नामक एक प्रकार की AI का उपयोग करके डिजिटल रूप से बदल दिया जाता है. इसका इस्तेमाल अक्सर नकली या फर्जी ऑनलाइन सामग्री बनाने के लिए किया जाता है. ज्यादातर मामलों में इसका इस्तेमाल गलत सूचना फैलाने के लिए किया जाता है.
'अस्पताल और डॉ. त्रेहन की प्रतिष्ठा को नुकसान'
मेदांता हेल्थ केयर के मार्केटिंग वाइस प्रेसिडेंट ने शिकायत में कहा है कि डीपफेक का मामला गंभीर चिंता का विषय है. सोशल मीडिया पर एक मनगढ़ंत वीडियो सामने आया है जिसमें मेडिकल इलाज के बारे में भ्रामक जानकारी है. डीपफेक वीडियो में हमारे सीएमडी डॉ. नरेश त्रेहान हैं, जिन्हें इस विशेष दवा का समर्थन करते देखा जा सकता है. शिकायत में कहा गया है कि यह क्लिप अस्पताल और डॉ. त्रेहन की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाती है.
डीपफेक मामले में केस दर्ज
शिकायतकर्ता ने वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाने और इस धोखेबाज कृत्य के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध किया है. डीसीपी जैन ने कहा कि शुरुआती जांच से पता चलता है कि वीडियो में डॉक्टर और एक समाचार एंकर की आवाज रिकॉर्डिंग में हेरफेर किया गया. डॉक्टर ने ऐसी कोई दवा नहीं लिखी जैसा कि डीपफेक वीडियो में बताया गया है. हम जांच के बाद ही बता पाएंगे कि फर्जी वीडियो बनाने के लिए किस तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया गया.
डीसीपी (साइबर क्राइम) सिद्धांत जैन ने कहा कि हमने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है और हमें पहले ही इसके बारे में विश्वसनीय सुराग मिल चुके हैं.
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