देश की राजधानी दिल्ली के छह जिलों की कमान महिला डीसीपी के हाथों में हैं. ये महिला पुलिस अधिकारी दिल्ली में लॉ एंड ऑर्डर बरकरार रहे इसको लेकर कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं. दिल्ली पुलिस विभाग के कई पदों पर महिला पुलिसकर्मी तैनात हैं. जिसमें एसएचओ और दूसरे पद शामिल हैं. दिल्ली की छह महिला डीसीपी में से पांच महिला अफसरों ने एबीपी न्यूज़ के कार्यक्रम में शिरकत की और अपने अनुभव साझा किए.
प्रियंका कश्यप: प्रियंका कश्यप ईस्ट दिल्ली की डीसीपी हैं. वे साल 2009 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं. कार्यक्रम के दौरान प्रियंका से पूछा गया कि एक महिला अधिकारी के लिए इतनी बड़ी जिम्मेदारी निभाना कितना मुश्किल होता है? इसपर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि हम महिलाएं हैं तो हमारे लिए चुनौतियां ज्यादा हैं. हम सबके लिए समान चुनौतियां आती हैं और हमलोग उनको बखूबी रिस्पॉन्ड करें, यही हमें ट्रेनिंग के दौरान सिखाया गया है.
ऊषा रंगनानी: ऊषा रंगनानी नॉर्थ वेस्ट दिल्ली की डीसीपी हैं. वे साल 2011 बैच की अधिकारी हैं. उन्होंने एबीपी न्यूज़ से कहा कि इस सर्विस से हमें समाज की सेवा करने का मौका मिलता है. लोगों की परेशानियों को दूर करने की और उन्हें इंस्टेंट हेल्प करने का मौका मिलता है. उन्होंने कहा कि क्राइम को ख़त्म करने की सबसे बड़ी चुनौती होती है, जिससे हमें डटकर सामना करना होता है.
ईशा पांडेय: ईशा पांडेय साउथ ईस्ट दिल्ली की डीसीपी हैं. वे 2010 बैच की आईपीएस ऑफिसर हैं. उन्होंने बताया कि क्राइम अगेंस्ट वुमन को लेकर मुहिम चलाई जा रही है. जगह जगह महिला इंचार्ज की तैनाती हो रही है ताकि महिलाओं को आगे आने का मौका मिल सके.
उर्वीजा गोयल: उर्वीजा गोयल फिलहाल डीसीपी वेस्ट हैं. वे साल 2011 बैच की आईपीएस ऑफिसर हैं. उन्होंने बताया कि सांप्रदायिक सौहर्द बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा कि अपराध पर लगाम लगाना एक बड़ी जिम्मेदारी है, जिसे हम सभी मिलकर निभा रहे हैं.
श्वेता चौहान: श्वेता चौहान सेंट्रल दिल्ली की डीसीपी हैं. वे साल 2010 बैच की आईपीएस ऑफिसर हैं. उन्होंने कहा कि सेन्ट्रल दिल्ली बेहद संवेदनशील इलाका है. ऐसे में वहां की पूरी निगरानी रखना और अपराध को कंट्रोल करना हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है.
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