भारत जोड़ो यात्रा अब अपने अंतिम चरण में है, लेकिन हर रोज यात्रा से जुड़ी नई-नई तस्वीरें पब्लिक डोमेन में आने का सिलसिला जारी है. इस बीच कांग्रेस (Congress) की ओर से जारी तस्वीरों में एक तस्वीर अवंतीपुरा में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के साथ कदमताल कर रहीं महबूबू मुफ्ती (Mehbooba Mufti) की तस्वीर भी शामिल हैं. यात्रा के दौरान एक तस्वीर में महबूबा राहुल गांधी को गले लगते हुए भी दिखाई दे रही हैं. यात्रा (Bharat Jodo Yatra)के दौरान महबूबा मुफ्ती ने प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को भी गले लगाया. जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम की भारत जोड़ों यात्रा में इस सक्रियता को लेकर अब नेताओं के कमेंट भी आने लगे हैं.
जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने भारत जोड़ो यात्रा को लेकर अपने एक ट्वीट में लिखा है, राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही भारत जोड़ो यात्रा कश्मीर के लिए ताजा हवा की झोंके की तरह है. साल 2019 के बाद यह एक ऐसी हवा है कि भारी संख्या में कश्मीरी लोग घर से बाहर निकले पड़ें हैं. वहीं कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा कि महबूबा मुफ्ती वही हैं, जिन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, अब उनको समझ आ गई है, अच्छी बात है, भारत जोड़ों यात्रा में शामिल होने पर उनका स्वागत है.
बीजेपी के साथ महबूबा ने बनाई थी सरकार
यहां पर इस बात का जिक्र कर दें कि जो महबूबा मुफ्ती आज कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा को गर्मजोशी के के साथ गले लगा रही हैं, उन्होंने 2015 में जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी गठबंधन की सरकार बनाई थी. बीजेपी से गठबंधन के बाद मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बनी थीं. उपमुख्यमंत्री पद बीजेपी के खाते में गया था. 1 मार्च 2015 को मुफ्ती मोहम्मद सईद ने जम्मू-कश्मीर के 12वें सीएम के तौर पर शपथ लिया था. उनका 7 जनवरी 2016 को निधन हो गया. ढाई महीने के बाद 4 अप्रैल 2016 को महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं, जबकि डिप्टी सीएम बीजेपी के निर्मल सिंह को बनाया गया था, लेकिन जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने, पत्थरबाजी की घटनाओं को न रोक पाने और आतंकवाद पर लगाम न लगाने के बाद महबूबा की सरकार 40 माह बाद गिर गई थी. इतना ही नहीं, जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने से कुछ घंटे पहले महबूबा मुफ्ती को हाउस अरेस्ट कर लिया गया था. करीब 14 महीने तक नजरबंद रहने के बाद मुफ्ती को रिहा गया था.
महबूबा ने कभी कहा था- 'तिरंगा उठाने वाला कोई नहीं मिलेगा'
वहीं, जम्मू-कश्मीर में गठबंधन सरकार गिरने के बाद पार्टी में उठ रहे अंतर्विरोध से नाराज पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने जुलाई 2018 में केंद्र सरकार को चेताया था कि अगर उनकी पार्टी को तोड़ने का प्रयास किया गया तो नतीजे पहले से खतरनाक होंगे.अगर दिल्ली ने 1987 की तरह यहां की अवाम के वोट पर डाका डाला या पीडीपी में तोड़-फोड़ की कोशिश की तो जिस तरह एक सलाउद्दीन, एक यासीन मलिक ने जन्म लिया, उसी तरह आने वाले दिनों में उससे भी ज्यादा घातक परिणाम सामने आएंगे.इसी तरह जुलाई 2017 में भी उन्होंने केंद्र सरकार को चेताया था कि जम्मू-कश्मीर से स्पेशल स्टेटस यानी अनुच्छेद 370 और 35ए हटा तो कश्मीर में कोई तिरंगा उठाने वाला भी नहीं मिलेगा.
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