Congress on Mehrauli Demolition: दक्षिणी दिल्ली के महरौली इलाके में हुए डेमोलिशन की वजह से हजारों लोग बेघर हो कर सड़क पर आ गए हैं. डीडीए द्वारा की गई कार्रवाई से जिन लोगों के आशियाने उजड़ गए हैं, उन्हें अब समझ मे नहीं आ रहा है कि करें तो क्या करें. उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि पाई-पाई कर जिस मकान को उन्होंने घर बनाया वो एक दिन उनकी आंखों के सामने जमींदोज हो जाएगा. डेमोलिशन कि इस कार्रवाई को ना सिर्फ आम लोग गलत बता रहे हैं, बल्कि इस पर कांग्रेस पार्टी भी उंगली उठा कर आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार और बीजेपी नियंत्रित डीडीए को इस अनुचित कार्रवाई के लिए दोषी करार दे रही है.
गरीब लोगों को किया जा रहा बेघर
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आजादी का अमृत काल मना रहे हैं. इसी अमृत काल में गरीब लोगों को दिल्ली के विकास के साथ बेघर किया जा रहा है, जिसे डीडीए द्वारा बड़े पैमाने पर महरौली में झोपड़ियों और फ्लैटों को गिरा कर अंजाम दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि बिना वैकल्पिक आवास की व्यवस्था किये, जेजे क्लस्टर और फ्लैटों को गिरना अमानवीय और अनुचित है. कांग्रेस की नीति की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन काल में 2013 में झुग्गी-झोपड़ी वासियों के लिए कालकाजी एक्सटेंशन में 08 हजार फ्लैटों का निर्माण कर उन्हें वहां स्थानांतरित किया गया था.
लोगों को बेघर होने से बचाने और डीडीए की इस कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की. साथ ही उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई से पहले ही कई लोग बेघर हो चुके हैं, जो अब तक बचे हुए हैं, उनके साथ ऐसा ना हो इसलिए इस पर तुरंत रोक लगाने की जरूरत है.
कांग्रेस ने बनाये थे 60 हजार फ्लैट
सीएम केजरीवाल और पीएम मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि दोनो पार्टी ने जहां झुग्गी, वहीं मकान देने का वादा किया था, लेकिन ये आम जनता को धोखा देने के अलावा और कुछ नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन काल मे राजीव रतन आवास योजना के तहत लगभग 60 हजार फ्लैट बनाये गए थे, जिन्हें गरीब, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वालों को आवंटित किया जाना था. वो आज तक बिना आवंटन के खाली पड़े हैं. बीजेपी को भी आड़े-हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि एमसीडी चुनाव से पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने कालकाजी एक्सटेंशन में कांग्रेस द्वारा बनाये गए 3024 इन-सीटू फ्लैटों के आवंटन वे सांकेतिक समारोह में 05 परिवारों को चाभी दी. साथ ही अपने घोषणा पत्र में उन्होंने जेजे क्लस्टर के सभी निवासियों को इन-सीटू फ्लैट मुहैया कराने का वादा किया था, लेकिन एमसीडी में हार के बाद बीजेपी बदले की भावना से काम कर रही है. वहीं केजरीवाल सरकार भी दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में बने फ्लैटों को अभी तक गरीबों को आवंटित नहीं कर पाई है. इस वजह से ये फ्लैट अब जीर्ण-शीर्ण हो कर, असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गए हैं.
आप और बीजेपी जिम्मेदार
वहीं इस डेमोलिशन की कार्रवाई पर कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश प्रवक्ता अनुज आत्रे ने बताया कि महरौली में हुए डेमोलिशन की जिम्मेदार आम आदमी पार्टी और बीजेपी दोनों की है. उन्होंने कहा कि बीजेपी नियंत्रित डीडीए ने जल्दबाजी में इस कार्रवाई को अंजाम दे दिया, जबकि इस पर बातचीत चल रही थी, लेकिन डीडीए ने कोर्ट के फैसले के आधार पर तानाशाही दिखाते हुए पूरे पुलिस बल के साथ इस अनुचित कार्रवाई को अंजाम दे डाला. इसके लिए सिर्फ डीडीए ही नहीं दिल्ली सरकार भी जिम्मेदार है. क्योंकि इलाके का डीमार्केशन डीएम साउथ ने किया था, जो कि दिल्ली सरकार के अधीन है. इसलिए दिल्ली सरकार और उनके अधिकार भी इस अनुचित कार्रवाई के लिए उत्तरदायी हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार और केंद्र की बीजेपी सरकार क्रमशः 08 और 09 सालों से लोगों को बेवकूफ बनाती आ रही है.
इतने सालों से डीडीए कहां थी सोई
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जिस मकान में वर्षों से लोग रहते आ रहे हैं, जिसकी पक्की रजिस्ट्री हुई है, सरकार को टैक्स दिया गया है, बिजली-पानी जैसी सारी सुविधाएं सरकारी हैं और लिफ्ट लगाने के लिए भी उन्हें रेवेन्यु और फायर डिपार्टमेंट से मंजूरी मिली हुई थी. ऐसे में ये डेमोलिशन समझ से परे है. अगर फिर भी ये जमीन डीडीए की थी, तो इतने सालों से डीडीए कहां सोई हुई थी और अगर उन्हें यहां से हटाना ही था तो पहले वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए थी, जैसा कि कांग्रेस ने अपने शासन काल मे किया था.
उन्होंने इसे डीडीए और दिल्ली सरकार के अधिकारियों की मिली भगत बताते हुए कहा कि आधी दिल्ली बिना नक्शा पास हुए, अनाधिकृत रूप से बसी हुई है, तो क्या आधी दिल्ली को उजाड़ देंगे क्या. इस मामले में आम आदमी पार्टी के विधायकों द्वारा किये जा रहे विरोध को बस बहाना और जनता के प्रति सहानभूति को घड़ियाली आंसू करार दिया.
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