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Delhi Jal Board: मंत्री आतिशी ने दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ को लिखा पत्र, सीवर ओवरफ्लो को लेकर दिए कई निर्देश

Delhi Sewage Overflow Complaint: दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने सीवर ओवरफ्लो को लेकर जल बोर्ड के सीईओ को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने कहा है कि सीवर ओवरफ्लो की लगातार शिकायतें मिल रही हैं.

Delhi News: दिल्ली की जल मंत्री आतिशी (Atishi) ने अलग-अलग हिस्सों में सीवेज ओवरफ्लो पाए जाने पर जल बोर्ड के सीईओ को पत्र लिखा है. उन्होंने सीईओ और अधिकारियों को साप्ताहिक आधार पर स्थिति का जायजा लेने के लिए जमीन पर उतरने का निर्देश दिया है. आतिशी ने पत्र में लिखा है कि अलग-अलग हिस्सों से सीवर ओवरफ्लो के संबंध में लगातार शिकायतें मिल रही हैं.

आतिशी ने पत्र में लिखा, "मैंने व्यक्तिगत रूप से संबंधित स्थानीय क्षेत्र के अधिकारियों के साथ सुल्तानपुर माजरा, पॉकेट ए मयूर विहार, अशोक विहार, चितला गेट, नेहरू हिल के कई क्षेत्रों का दौरा किया है. मुझे यह कहते हुए निराशा हो रही है कि इन क्षेत्रों की जमीनी स्थिति न केवल निराशाजनक थी, बल्कि अमानवीय भी थी. अपने दौरे के दौरान मैंने देखा कि सीवर का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है. ज्यादातर मामलों में, आसपास रहने वाले लोगों ने मुझे बताया कि वे कई महीनों से इन समस्याओं का सामना कर रहे हैं. कुछ मामलों में, निवासियों ने बताया कि सीवर ओवरफ्लो की समस्या इतनी बनी हुई है कि उन्हें अपने घरों से बाहर निकलने के लिए ईंटों पर कदम रखने के लिए मजबूर होना पड़ा है."

'शिकायत के बाद भी नहीं हुआ समाधान'

पत्र में आतिशी ने आगे लिखा, "कुछ डीजेबी अधिकारियों की लापरवाही ने इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए अस्वास्थ्यकर स्थिति पैदा कर दी है. यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है. स्थानीय निवासियों ने यह भी बताया कि डीजेएच को बार-बार शिकायत करने के बावजूद समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है. इससे भी अधिक चौंकाने वाला तथ्य यह है कि इन दौरों पर मेरे साथ आए स्थानीय क्षेत्र के अधिकारी जमीनी स्तर पर जनता के सामने आने वाली समस्याओं से अनभिज्ञ लग रहे थे. ज्यादातर मामलों में, स्थानीय क्षेत्र के अधिकारी इन समस्याओं से बेखबर थे. डीजेबी अधिकारी भी जनता के सवालों का जवाब देने में असमर्थ थे. अधिकारियों की समझ और वास्तविक जमीनी हकीकत में बिल्कुल मेल नहीं था. अन्यथा, यह कैसे संभव है कि मुद्दे स्थानीय कार्यालय के बजाय मंत्री के कार्यालय तक पहुंच गए हैं."

दिल्ली जल बोर्ड की है सीवर रखरखाव की जिम्मेदारी

इसके अलावा पत्र में लिखा गया है कि दिल्ली जल बोर्ड अधिनियम के अनुसार, सीवर रखरखाव बोर्ड की प्राथमिक जिम्मेदारी है. यदि दिल्ली जल बोर्ड समयबद्ध तरीके से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में असमर्थ है, तो उसे सिर झुकाना चाहिए. आतिशी ने कहा, "मैंने पहले सीईओ को सभी डीजेबी अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी करने का निर्देश दिया था. सभी सार्वजनिक शिकायतों का 48 घंटे के भीतर समाधान करें. इस मोर्चे पर कोई भी लापरवाही स्वीकार नहीं की जायेगी. शिकायतों का समय पर जवाब देने के अलावा,  अधिकारियों को सीवर की स्थिति का जायजा लेने के लिए भी सक्रिय रूप से मैदान पर जाना चाहिए. सीईओ, सदस्य, मुख्य अभियंता, अतिरिक्त मुख्य अभियंता/अधीक्षण अभियंता, अतिरिक्त अभियंता और कनिष्ठ अभियंता क्षेत्रों का नियमित निरीक्षण करें ताकि ये समस्याएं उत्पन्न ही न हों. 

आतिशी ने दिए ये निर्देश

  • सीईओ/सदस्य: हर हफ्ते कम से कम दो फील्ड विजिट करें.
  • मुख्य अभियंता: हर हफ्ते कम से कम तीन फील्ड विजिट करें.
  • शेष सभी कनिष्ठ अभियंता (जेई), अतिरिक्त अभियंता (एई), अतिरिक्त मुख्य अभियंता/अधीक्षण अभियंता: हर दिन जमीनी दौरा करें.
  • इन क्षेत्र दौरों की रिपोर्ट प्रत्येक सोमवार को सीईओ और अध्यक्ष के कार्यालय में प्रस्तुत की जानी चाहिए.
  • निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सीईओ सुनिश्चित करेंगे.

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