(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
LG आवास के नजदीक पूर्व बस मार्शल्स का प्रदर्शन, AAP ने किया समर्थन, BJP को घेरा
Delhi Politics: दिल्ली में पिछले साल बस के मार्शलों को हटाने की मंजूरी एलजी वीके सक्सेना ने दी थी. इसके खिलाफ आज आम आदमी पार्टी के नेताओं ने पूर्व मार्शल के साथ प्रदर्शन किया.
Delhi News: एलजी वीके सक्सेना (VK Saxena) के आवास के नजदीक बस के पूर्व मार्शलों ने प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन को आम आदमी पार्टी (AAP) ने अपना समर्थन दिया. प्रदर्शन के दौरान आप के विधायक और मंत्री भी नजर आए. मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj), विधायक दिलीप पांडे और कुलदीप कुमार ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया. आप ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने बस के पूर्व मार्शलों को फिर से बहाल करने के मामले में यू-टर्न ले लिया है. बस मार्शल को नौकरी से हटाने पर दिल्ली विधानसभा के सत्र के दौरान आप और बीजेपी के बीच तीखी बहस भी देखी गई थी.
दरअसल, दोनों ही पार्टियां मार्शलों की नौकरी बहाल करने का समर्थन कर रही हैं. विधानसभा में पारित प्रस्ताव के मुताबिक बीजेपी और आप के सभी विधायकों को गुरुवार को एलजी से मुलाकात करनी थी. हालांकि यह बैठक नहीं हो पाई. आप ने एलजी के ऑफिस पर उनके अनुरोध की अनदेखी का आरोप लगाया और मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस संबंध में एलजी को चिट्ठी भी लिखी, जिसका अभी जवाब नहीं आया है.
सस्ती राजनीति कर रही है बीजेपी- आप
आप ने कहा कि प्रस्ताव के मुताबिक सभी विधायकों को एलजी से बस के मार्शल के मुद्दे पर मुलाकात करनी थी लेकिन ना तो एलजी साहब ने मिलने का समय दिया और ना ही बीजेपी के विधायक आए. बीजेपी और एलजी को सस्ती राजनीति करना बंद कर देनी चाहिए और बस के मार्शलों की नौकरी बहाल करनी चाहिए.
आप के आरोपों पर बीजेपी का पलटवार
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता जनता को गुमराह कर रहे हैं. वहीं, विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि जब उन्होंने 3 अक्टूबर को मिलना तय किया था, तो उन्होंने समय क्यों नहीं मांगा. आप और सौरभ भारद्वाज ने एलजी साहब से मिलने का समय तय किया, लेकिन जब समय आया तो मुख्यमंत्री, मंत्री, आप के विधायक और सभी नेता गायब हो गए.
एलजी ने होम गार्ड नियुक्त करने का दिया था निर्देश
पिछले साल एलजी वीके सक्सेना ने बस मार्शल के रूप में नियुक्त किए गए सिविल डिफेंस के वॉलिंटियर की नौकरी हटाने का प्रस्ताव मंजूर किया था. उन्होंने तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल को निर्देश दिया था कि वह ऐसे वॉलिंटियर को होम गार्ड के 10 हजार पदों पर नियुक्त करने पर विचार करें.
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