Delhi: उत्तरी दिल्ली के सदर बाजार थाना की पुलिस टीम ने देह-व्यापार में लिप्त बिहारी गैंग का पर्दाफाश कर एक किशोरी को उनके चंगुल से आजाद कराया है, जिसे बिहार से अगवा कर दिल्ली लाया गया था. बिहार से लाने के बाद कैदकर के जबरन उससे देह-व्यापार कराया जा रहा था. इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान, इरशाद (30), संजारी (36) और हसीबुल (45) के रुप में हुई है. ये सभी बिहार के अररिया जिले के रहने वाले हैं.


पुलिस के मुताबिक, आरोपी इरशाद ने लगभग 6 महीने पहले 14 साल की अनाथ नाबालिग लड़की को उसकी मर्जी के बिना उसके गांव से अगवा किया था और फिर उसे दिल्ली लेकर आ गया. यहां उसे संजारी की कैद में रखा गया था और वह लोगों को यौन गतिविधियों में शामिल होने की सुविधा मुहैया करवाती थी. वहीं हसीबुल का काम लड़की को बंधक रखने में सहायता देने के साथ ग्राहकों को लाना था.


नाबालिग को देह-व्यापार के अड्डे से छुड़ाया गया


पुलिस ने बताया कि उन्हें सूत्रों से पता चला था कि एक महिला देह-व्यापार का अड्डा चलाने में लिप्त हो सकती है. इस पर अखता किदारा पुलिस चौकी की इंचार्ज महिला एसआई नीलम के नेतृत्व वाली टीम इस सूचना को विकसित करने में लगी हुई थी. आखिरकार लगातार प्रयासों के बाद इस अस्पष्ट सूचना पर काम करते हुए पुलिस को कार्रवाई योग्य एक इनपुट प्राप्त हुआ. फिर प्रतिक्रिया करते हुए एसआई नीलम के नेतृत्व में एसआई शर्मिला, पीएसआई राखी, हेड कॉन्स्टेबल पंकज, हेमंत और अन्य की टीम ने एसएचओ सदर बाजार के.एल यादव और एसीपी विजय रस्तोगी की देखरेख में सदर बाजार के कटरा आत्मा राम रोड स्थित एक घर मे छापेमारी की. पुलिस ने वहां से बंधक बना जर रखी गई बिहार के अररिया की रहने वाली नाबालिग लड़की को सुरक्षित निकालकर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.


पुलिस से बचने के लिए लगातार बदला जा रहा था घर


आरोपियों ने नाबालिग का अपहरण कर महीनों से देह-व्यापार के लिए मजबूर किया. शुरुआती जांच में यह पता चला कि 5-6 महीने पहले इसके अपहरण के बाद किसी और घर मे रखा गया था, जिसे बाद में पुलिस से बचने के लिए लगातार बदला जा रहा था. पुलिस पीड़िता की काउंसलिंग के बाद, इस मामले में आगे की जांच में जुटी हुई है.


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