AAP On ED: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने आरोप पत्र में प्रियंका गांधी का नाम दर्ज किया है, जिसमें 2006 में दिल्ली स्थित रियल एस्टेट एजेंट एचएल पाहवा से हरियाणा के फरीदाबाद में 40 कनाल (पांच एकड़) की कृषि भूमि खरीदने और उसी जमीन को बेचने में उनकी भूमिका का उल्लेख किया गया है. इस पर आम आदमी पार्टी की ओर से प्रतिक्रिया आई है.


आप की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा है, "हम देख रहे हैं कि ईडी लगातार विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और हमारे नेता जेल में हैं. निर्दोष साबित होने तक दोषी का कानून विपक्ष पर लागू होता है, जबकि 'दोषी साबित होने तक निर्दोष' का कानून पूरे देश पर लागू होता है."



प्रियंका-रॉबर्ट को अभी नहीं बनाया गया है आरोपी


दरअसल हरियाणा में पांच एकड़ जमीन के कथित अधिग्रहण और निपटान से संबंधित प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दायर आरोप पत्र में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का नाम है. उनके पति रॉबर्ट वाड्रा का भी उल्लेख किया गया है. हालांकि, दोनों को अभी तक औपचारिक रूप से "आरोपी" नहीं बनाया गया है. चार्जशीट सी.सी. थंपी के खिलाफ दाखिल की गई है जो एनआरआई व्यवसायी हैं. एक और शख्स सुमित चड्ढा हैं, जो भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक हैं. उनके खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल है.


ईडी की चार्जशीट के मुताबिक, जांच के दौरान पता चला कि सी.सी. थंपी ने 2005 और 2008 के बीच दिल्ली-एनसीआर स्थित एक रियल एस्टेट एजेंट एच.एल. पाहवा के जरिए हरियाणा में फरीदाबाद के अमीपुर गांव में लगभग 486 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया. रॉबर्ट वाड्रा ने 2005-2006 के दौरान पाहवा से अमीपुर में कुल 334 कनाल (40.08 एकड़) जमीन के तीन पार्सल भी खरीदे, बाद में दिसंबर 2010 में उसी जमीन को एच.एल. पाहवा को वापस बेच दिया.


'रॉबर्ट वाड्रा ने पाहवा को पूरा भुगतान नहीं किया'


इसके अलावा, प्रियंका गांधी वाड्रा ने अप्रैल 2006 में पाहवा से अमीपुर गांव में 40 कनाल (5 एकड़) कृषि भूमि का अधिग्रहण किया. बाद में उन्होंने वही जमीन फरवरी 2010 में पाहवा को बेच दी. ईडी की चार्जशीट में कहा गया है, “पाहवा को भूमि अधिग्रहण से बही-खातों से नकद प्राप्त हो रहा था. यह भी देखा गया कि रॉबर्ट वाड्रा ने पाहवा को बिक्री का पूरा भुगतान नहीं किया. इस संबंध में जांच अभी भी जारी है. एच.एल. पाहवा की बुक में लेनदेन को दर्शाने वाले बही-खातों की प्रतिलिपि 17.11.2023 के पत्र के माध्यम से रिकॉर्ड में ली गई थी.“


आगे लिखा है, “इस मामले में जांच के दौरान, यह पाया गया कि सी.सी. थंपी और रॉबर्ट वाड्रा के बीच गहरा रिश्ता है. उनके बीच न केवल व्यक्तिगत दोस्ती बल्कि व्यावसायिक हित भी पाए गए हैं.'' आरोप पत्र के अनुसार, थंपी के बयान विभिन्न तारीखों पर पीएमएलए की धारा 50 के तहत दर्ज किए गए हैं. “19.06.2019 को दर्ज किए गए अपने बयान में थंपी ने कहा कि वह रॉबर्ट वाड्रा को पिछले 10 साल से अधिक समय से जानते हैं और उन्हें (थंपी से) सोनिया गांधी के पीए माधवन ने मिलवाया था. रॉबर्ट वाड्रा की संयुक्त अरब अमीरात यात्रा के दौरान उनकी उनसे कई बार मुलाकात हुई.''


ये भी पढ़ें- Congress Foundation Day: कांग्रेस स्थापना दिवस पर अरविंदर सिंह लवली बोले- 'लोकतंत्र बचाने के लिए लड़ रहे हैं हम'