Delhi Monkeypox Virus: कोरोना (Corona) के खौफ और परेशानी से दुनिया अभी तक उबर नहीं सकी है और इस बीच एक नए वायरस ने डरावनी दस्तक दे दी है. दुनिया के 75 से ज्यादा देशों में मंकीपॉक्स (Monkeypox) का संक्रमण सामने आ चुका है. अब भारत में भी मंकीपॉक्स के केस सामने आए हैं. राजधानी दिल्ली (Delhi) में रविवार को मंकीपॉक्स का एक मामला सामने आया है. हालांकि डॉक्टर्स की तरफ से कहा गया है कि इससे घबराने की नहीं बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दुनिया के 75 देशों में अब तक मंकीपॉक्स के 16,000 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं. वहीं अफ्रीका में पांच मरीजों की मौत भी हो चुकी है. इसे लेकर यूएन के हेल्थ डिविजन की तरफ से इस बीमारी को लेकर अंतरराष्ट्रीय चिंता की पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा कर दी है.
क्या है मंकीपॉक्स ?
मंकीपॉक्स भी एक वायरसजनित बीमारी है. इसकी पहचान तेज बुखार, त्वचा के घाव, दाने और लिम्फ नोड्स में सूजन से की जाती है. हालांकि जानकारों की कहना है कि ये बीमारी संक्रमण तो फैलाती है लेकिन इसका मरीज ज्यादातर चार हफ्तों के बीच खुदबखुद ठीक भी हो जाता है. फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्ट्टियूट में इंटरनल मेडिसिन के डॉक्टर श्री बालाजी ने मंकीपॉक्स को लेकर बताया कि सबसे पहले, हमें ये समझना होगा कि घबराने की जरूरत नहीं है. लोगों को बस ज्यादा अलर्ट रहना होगा. मंकीपॉक्स एक हल्का संक्रमण है, जिसमें चेचक जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं.
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स?
सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन, एम्स में कार्यरत अतिरिक्त प्रोफेसर हर्षल साल्वे का कहना है कि मंकीपॉक्स मनुष्यों में श्वसन बूंदों और रोगियों के शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क में आने से फैलता है. मरीजों को आइसोलेट करके और उनके संपर्क में आए लोगों की पहचान करके इसे फैलने से रोका जा सकता है.
भारत में अभी तक मंकीपॉक्स के चार केस सामने आ चुके हैं. ताजा मामला दिल्ली के एक 34 साल के युवक का है. युवक की कोई विदेशी ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है लेकिन वो हिमाचल प्रदेश में एक पार्टी में शामिल हुआ था. युवक के संपर्क में आए लोगों की पहचान कर उन्हें आइसोलेट किया जा रहा है.