Monkeypox Delhi: मंकीपॉक्स की जांच के लिए पुणे नहीं भेजे जाएंगे सैंपल, अब एम्स में भी जांच की सुविधा, तैयारी पूरी
Monkeypox Test: दिल्ली सहित देश में अभी मंकीपॉक्स के चार मामले सामने आ चुके हैं. वहीं दिल्ली में पहला संदिग्ध मामला सामने आने पर जांच के लिए सैंपल को एनआइवी पुणे भेजा गया था.
Monkeypox Delhi Case: राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स (Monkeypox) की दस्तक ने स्वास्थ्य विभाग और लोगों को चिंता में डाल दिया है. इसको देखते हुए प्रशासन अलर्ट हो गया है. मंकीपॉक्स की दस्तक के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भी इसकी जांच की तैयारी पूरी कर ली है. राष्ट्रीय वायरोलाजी संस्थान (NIV) पुणे से एम्स में जांच किट भी पहुंच गई है. इसलिए अब मंकीपॉक्स का संदिग्ध मामला सामने आने पर एम्स में जांच हो पाएगी. वहीं जांच रिपोर्ट भी सैंपल लेने के दिन ही आ जाएगी या फिर ज्यादा से ज्यादा 24 घंटे के अंदर मरीज को मिल जाएगी.
देश में 15 लैब अधिकृत
दिल्ली सहित देश में अभी मंकीपॉक्स के चार मामले सामने आ चुके हैं. वहीं दिल्ली में पहला संदिग्ध मामला सामने आने पर जांच के लिए सैंपल को एनआइवी पुणे भेजा गया था. जांच में मंकीपॉक्स की पुष्टि हो गई है. एम्स के माइक्रोबायोलाजी विभाग के प्रोफेसर डा. ललित धर ने कहा कि मंकीपॉक्स की जांच के लिए अब देश में 15 लैब अधिकृत कर दी गई हैं, जिसमें एम्स के माइक्रोबायोलाजी विभाग की लैब भी शामिल है. मंकीपॉक्स की पहचान के लिए भी आरटीपीसीआर जांच होती है. जांच के लिए सैंपल मरीज के शरीर पर बने फफोले से लिए जाते हैं. इसके अलावा नाक और मुंह से भी स्वैब जांच के लिए सैंपल लिया जाएगा.
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मंकीपॉक्स की जांच निजी लैब में संभव
डा. ललित धर ने आगे बताया, जांच किट उपलब्ध होने के बाद जांच का ट्रायल पूरा कर लिया गया है. इसलिए लैब अब जांच के लिए पूरी तरह तैयार है. शुरुआत में जांच को दोबारा सत्यापन के लिए एनआइवी पुणे भी एक सैंपल भेजा जाएगा. लेकिन अब एम्स से ही जांच रिपोर्ट जारी हो सकेगी. बताया जा रहा है कि जरूरत पड़ने पर दिल्ली के अलावा एनसीआर के शहरों से भी जांच के लिए सैंपल एम्स में लाया जा सकेगा. डॉक्टर कहते हैं कि कोरोना के संक्रमण के कारण आरटीपीसीआर जांच की सुविधा अनेक अस्पतालों के साथ निजी लैब में भी हो गई है. इसलिए जरूरत पड़ने पर मंकीपॉक्स की जांच की सुविधा बढ़ाने में कोई दिक्कत नहीं आएगी.