Monsoon Session: साल 2015 के बाद बढ़ाया गया JMI और JNU का सालाना फंड, BHU और AMU दिए गए इतने करोड़ रुपये
Delhi: मानसून सत्र में लोकसभा में केरल से कांग्रेस सांसद टी. एन प्रतापन ने भारत सरकार के शिक्षा विभाग से 5 सेंट्रल यूनिवर्सिटी में सरकार द्वारा दिए जाने वाले फंड में कटौती का मुद्दा उठाया.
Lok Sabha: मानसून सत्र चल रहा है और संसद के दोनों सदनों लोकसभा (Lok Sabha) और राज्यसभा (Rajya Sabha) में अलग-अलग मुद्दों को लेकर चर्चाएं हो रही हैं. हालांकि इस दौरान विपक्ष का हंगामा भी देखने को मिल रहा है. इसी बीच लोकसभा में केरल से कांग्रेस सांसद टी. एन प्रतापन (T.N Pratapan) ने भारत सरकार के शिक्षा विभाग से 5 सेंट्रल यूनिवर्सिटी में सरकार द्वारा दिए जाने वाले फंड में कटौती का मुद्दा उठाया है इसको लेकर कांग्रेस सांसद ने अतारांकित प्रश्न पूछे थे.
सांसद ने 18 जुलाई को पूछे थे सवाल
कांग्रेस सांसद ने सोमवार यानी 18 जुलाई को यह प्रश्न पूछे कि देश की पांच सेंट्रल यूनिवर्सिटी जिसमें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), नई दिल्ली, जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI), अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी(AMU), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU), राजीव गांधी विश्वविद्यालय, ईटानगर जैसे बड़े विश्वविद्यालयों का फंड वित्तीय वर्ष 2021-22 में घटा है, जिसका केंद्रीय शिक्षा विभाग को जवाब देना चाहिए.
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री ने दिया जबाब
वहीं विपक्ष के सवालों पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार ने प्रतिक्रिया देते हुए बताया है कि वित्त वर्ष 2014-15 के बाद से विश्वविद्यालयों के फंड में बढ़ोतरी हुई है. शिक्षा मंत्रालय की ओर से दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया JMI यूनिवर्सिटी को प्रतिवर्ष दिए जाने वाले फंड को लेकर जानकारी दी. जिसमें बताया कि साल 2014-15 में विश्वविद्यालय को 264.48 करोड़ रुपये दिया गया था. जो साल 2020-21 में बढ़कर 479.83 करोड़ रुपये हो गया. हालांकि इसके बाद इसमें 68.73 करोड़ रुपये की तेज गिरावट आई और 2021-22 में 411.10 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. जिसके बाद चालू वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में विश्वविद्यालय को 105.95 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. लेकिन साउथ 2014-15 के बाद बीते 7 सालों में जामिया को दिए जाने वाले फंड में बढ़ोतरी की गयी है.
JNU को मिला इतना फंड
शिक्षा मंत्रालय ने अन्य 4 यूनिवर्सिटी के भी वित्त वर्ष 2014-15 के बाद जारी किए गए फंड को लेकर जानकारी दी है. देश की दूसरी सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी जवाहरलाल नेहरू JNU जारी किए गए फंड की भी जानकारी दी गई है. जिसमें साल 2014-15 में मंत्रालय द्वारा 336.91 करोड़ रुपये का फंड दिया गया. जो 7 सालों में बढ़कर साल 2021-22 में 407.47 करोड़ रुपये हो गया, यानी की 7 सालों में जेएनयू को मिलने वाले फंड में 70.56 की बढ़ोतरी हुई.
AMU को मिले इतने फंड
इसके अलावा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी AMU को साल 2014-15 में 673.98 करोड़ रुपये आवंटित हुए. जिसके बाद साल 2020-21 में यह रकम बढ़ कर 1520.10 करोड़ रुपये हो गई. हालांकि साल 2021-22 में इसमें 305.47 करोड़ रुपये की गिरावट आई. और साल 2021-22 में मंत्रालय द्वारा 1214.63 करोड़ रुपये आवंटित हुए. इसी के साथ चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को 302.32 करोड रुपये आवंटित किए गए हैं.
BHU को मिला इतना फंड
इसके साथ ही बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी BHU को दिए जाने वाले फंड में भी बढ़ोतरी हुई है साल 2014-15 में BHU को 669.51 करोड़ रुपये का फंड दिया गया था. जो कि 7 सालों में लगभग 2 गुना हो गया, और साल 2021-22 में 1303.01 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया गया. राजीव गांधी विश्वविद्यालय को साल 2014-15 में 39.93 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. जिसके बाद साल 2021-22 से बढ़ाकर 102.79 करोड़ रुपये कर दिया गया.
सात सालों में की गई है फंड में बढ़ोत्तरी
शिक्षा मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई है कि इन 5 सेंट्रल यूनिवर्सिटी के फंड में पिछले 7 सालों में लगातार बढ़ोतरी हुई है. कहीं पर मामूली बढ़ोतरी हुई है तो कहीं पर काफी ज्यादा फंड को बढ़ाया गया है. सेंट्रल यूनिवर्सिटी को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग UGC द्वारा फंड दिया जाता है जो कि केंद्र सरकार के अधीन आता है.