Anti Encroachment Campaign: दिल्ली STF की कार्रवाई में 55 परिवार बेघर, गीता बोली- 'हॉस्टल में पढ़ने वाली बेटी की पढ़ाई छूट जाएगी'
Delhi STF Anti Encroachment Campaign: प्रगति मैदान के पास बेघर हुए लोगों को अब अपने बच्चों के भविष्य की चिंता है. उनका कहना है कि वो रोजी-रोजी की चिंता करें या बच्चों का भविष्य संवारें.
Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर लोक निर्माण विभाग का बुल्डोजर गरजा. दिल्ली में गुरुवार तड़के जब पूरा शहर सोया था तब प्रगति मैदान के समीप एक झुग्गी बस्ती के निवासियों की नींद पीडब्लूडी के बुल्डोजर की आवाज से टूट गई. लोगों के सामने ही उनके आशियाने उजाड़ दिए गए. एंटी इनक्रोचमेंट ड्राइव की वजह से प्रगति मैदान के पास भैंरों सिंह मार्ग पर स्थित झुग्गियों में रहने वाले लागों के बीच अफरातफरी मच गई. बेघर हुए लोगों को अब अपने बच्चों के भविष्य की चिंता है. उनका कहना है कि वो रोजी-रोजी की चिंता करें या बच्चों के भविष्य को संवारें.
दरअसल, दिल्ली के प्रगति मैदान के पास स्थित 55 से अधिक झुग्गियों को अधिकारियों ने अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत गुरुवार को को पीडब्लूडी के अधिकारियों ने ध्वस्त कर दिया. इस अभियान की वजह से 40 से अधिक परिवार बेघर हो गए. चार बच्चों की मां पिंकी ने कहा कि वह अपनी 18 वर्षीय बेटी के भविष्य को लेकर परेशान हैं. पिंकी ने कहा कि उसने किसी तरह पैसे जुटाकर अपनी बेटी को छात्रावास भेजा था, लेकिन अब उनकी बेटी शायद अपनी पढ़ाई पूरी न कर पाए, क्योंकि अतिक्रमण रोधी अभियान में उनका घर भी ढह गया.
अधिकारियों को अमीरों की चिंता ज्यादा
झुग्गी बस्ती निवासी पिंकी ने कहा कि इस ध्वस्तीकरण से मेरी आजीविका पर असर पड़ा है. प्राधिकारियों को अमीरों की फिक्र ज्यादा है. उन्हें हमारे जैसे गरीब लोगों की कोई परवाह नहीं है. अपना सामान बटोरने के लिए मलबे के ढेर से गुजरते हुए झुग्गीवासियों ने आरोप लगाया कि वे सरकार से उन्हें पांच किलोमीटर के दायरे में कहीं भी वैकल्पिक आवास आवंटित करने की मांग कर रहे थे.
हॉस्टल में नहीं पढ़ पाएगी मेरी बेटी
वहीं दो लड़कियों की मां गीता ने कहा कि उन्हें अपने बच्चों के भविष्य की चिंता है क्योंकि परिवार की प्राथमिकता अब अपने लिए छत ढूंढने की है. गीता ने कहा मुझे चिंता है कि मैं अपनी बेटियों की शादी नहीं करा पाऊंगी. इस अभियान में पिछले नौ साल से एक एनजीओ द्वारा चलाया जा रहा अस्थायी स्कूल भी ढहा दिया गया. एनजीओ की प्रमुख नीतू सिंह ने आरोप लगाया कि उन्हें स्कूल गिराने के लिए कोई नोटिस नहीं दिया गया.
जमीन खाली करने के लिए दिया गया था नोटिस
पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने कहा कि यह अभियान विशेष कार्य बल द्वारा चलाया गया था. यह हमारे विभाग द्वारा चलाया गया अभियान नहीं था. हमारे अधिकारी अभियान में सहायता के लिए मौके पर मौजूद थे. यह कार्रवाई अदालत के निर्देश पर की गई. दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले महीने प्रगति मैदान के पास झुग्गियों को तोड़े जाने के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था और इसमें रहने वालों को जमीन खाली करने के लिए एक महीने का समय दिया था. बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी में इस साल के अंत में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले अधिकारी अतिक्रमण विरोधी अभियान चला रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि प्रगति मैदान के पास भैरों मार्ग पर कई झुग्गियां हटाई गईं.
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