Delhi MCD Corporation  Amendment Bill: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दिल्ली नगर निगम के चुनाव के पहले केंद्र सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा में दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022 पेश हुआ. लोकसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Rai) ने लोकसभा में दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022 पेश किया. इस दौरान आरएसपी, कांग्रेस, बसपा ने विधेयक पेश करने का विरोध किया. 


इस दौरान नित्यानंद राय ने कहा कि इस विधेयक से नगर निगम दिल्ली में एकरूपता, ठोस नीति और कर्मचारियों के वेतन भुगतान जैसी समस्याओं का समाधान होगा और यह विधेयक दिल्लीवासियों के हित में है. फिलहाल दिल्ली में तीन निगमों - उत्तर, दक्षिण और पूर्वी दिल्ली नगर निगमों में कुल 272 सीटें हैं.


सीटों की संख्या 250 से अधिक नहीं
विधेयक के अनुसार दिल्ली में नगर निगमों के एकीकरण के बाद उनमें सीटों की संख्या 250 से अधिक नहीं होगी और जब तक विलय कानून के तहत निकाय की पहली बैठक आयोजित नहीं होती तब तक इसके कार्य की देखरेख के लिए एक विशेष अधिकारी को नियुक्त किया जा सकता है.


दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक में यह भी कहा गया है कि 2011 में तत्कालीन दिल्ली नगर निगम का विभाजन क्षेत्रीय डिवीजनों और राजस्व सृजन क्षमता के मामले में 'असमान' था.


आरक्षण का कैसे होगा निर्धारण?
विधेयक में प्रस्ताव किया गया है कि विलय की गई निकाय में पार्षदों और अनुसूचित जाति के सदस्यों के लिए आरक्षित सीटों की कुल संख्या का निर्धारण केंद्र सरकार आधिकारिक राजपत्र में एक अधिसूचना के माध्यम से करेगी.


विधेयक में कहा गया है, ‘‘निगम की स्थापना के बाद प्रत्येक जनगणना के पूरा होने पर, सीटों की संख्या उस जनगणना में निर्धारित दिल्ली की जनसंख्या के आधार पर होगी और केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित की जाएगी ....’’


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