Mother Dairy Milk Price: अमूल मिल्क की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद मदर डेयरी (Mother Dairy) ने भी 3 जून से सभी प्रकार की ताजे थैली वाले दूध की कीमतों (Milk Price) में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है. मदर डेयरी की ओर से कहा गया है कि कीमतों में बढ़ोतरी आज से ही प्रभावी हो गया है.
मदर डेयरी ने सोमवार को दूध की संशोधित कीमतों की सूची जारी की है. ताजा सूची के मुताबिक अब लोगों को मदर डेयरी की बल्क वेंडेड मिल्क के लिए 52 रुपये के बदले 54 रुपये, टोंड मिल्क 54 के बदले 56 रुपये, काउ मिल्क 56 के बदले 58 रुपये, फुल क्रीम मिल्क 66 रुपये के बदले 68 रुपये, बफेलो मिल्क 70 के बदले 72 रुपये किलो और डबल टोंड मिल्क 48 के बदले 50 रुपये प्रति लीटर चुकाने होंगे.
क्यों बढ़े दूध के दाम
दूध के कारोबारियों का कहना है कि दूध की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह उसकी लागत ज्यादा आना है. भारी गर्मी के बीच दुग्ध उत्पादन पर किसानों की लागत बढ़ गई है. गाय और भैसों ने दूध देना बंद कर दिया या कम कर दिया. इन वजहों की वजह से कंपनियों ने दूध के दमा बढ़ा दिए हैं.
गुजरात सहकारी दूध विपणन संघ ने सोमवार से दूध की कीमतों में लगभग दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है. संघ ने कहा, "यह मूल्य वृद्धि परिचालन और दूध के उत्पादन की कुल लागत में वृद्धि के कारण की की गई है. हमारे सदस्य संघों ने भी पिछले एक साल में किसानों के मूल्य में लगभग 6-8 प्रतिशत की वृद्धि की है."
दूध के दाम ने दिया झटका
आज सुबह जब लोग दूध लेने डेयरी पर पहुंचे तो दूध की बढ़ी हुई कीमत से उनके दिन की शुरुआत महंगाई के एक और झटके के साथ हुई. लोगों का कहना है कि जिस हिसाब से फिर से दूध के दाम बढ़ाये गए हैं, उससे वो नाखुश हैं. दूध लेने डेयरी पर पहुंचे राजेश कपूर का कहना है कि सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए. इस तरह से लगातार रोजमर्रा की खपत होने वाली जरूरतों की चीजों की कीमतें बढ़ने से इसका सीधा असर आम लोगों के पॉकेट और उनके घर के बजट पर भारी पड़ता है.
रसोई के बजट पर कितना पड़ेगा असर
ज्योति वर्मा और सुनिधि ने कहा कि हर चीज की कीमत पहले से ही बढ़ी हुई है, उस पर दूध की कीमत बढ़ने से इसका सीधा असर लोगों के बजट पर पड़ता है. माध्यम वर्गीय परिवार को हर खर्च सोच कर करना पड़ता है, और हर खर्चों के लिए एक सीमित रकम वो खर्च करते हैं. अब ऐसे में अगर दूध जैसी आवश्यक और रोज खपत होने वाली चीज की कीमत बढ़ती है, तो लोगों को मजबूरन अन्य चीजों के खर्चो में कमी करनी पड़ेगी, तभी वो अपनी कमाई के अनुसार, अपने घर का खर्च चलाते हुए बाकी जरूरतों को पुरी कर पाएंगे.