(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
MP Election 2023: इंडिया गठबंधन के दलों में रार, क्या Samajwadi Party और AAP के स्टैंड से कांग्रेस को होगा नुकसान?
MP Assembly Election 2023 News: एमपी में सीट शेयरिंग को लेकर इंडिया (I.N.D.I.A ) गठबंधन दलों के बीच रार चरम पर है. चर्चा यह है कि सहयोगी दलों को सीट न देने का कांग्रेस को लाभ मिलेगा या नुकसान होगा.
MP Election 2023 Date: विपक्षी गठबंधन इंडिया (I.N.D.I.A Alliance) के तीन प्रमुख दलों के बीच मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (MP Election Assembly 2023) को लेकर तल्खी बढ़ती जा रही है. कांग्रेस (Congress), समाजवादी पार्टी (SP) और आप (AAP) के बीच सीट शेयरिंग को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है. खासतौर से कांग्रेस और सपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. सपा सुप्रीमो और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) कांग्रेस से खासे नाराज दिखाई दे रहे हैं. उन्होंने साफ कर दिया है कि विगत एमपी विधानसभा चुनाव में जहां से सपा के प्रत्याशी जीते थे या फिर उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया था, पार्टी इस बार चुनाव में उन सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी. सपा नेता अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर धोखा देने का आरोप तक लगा दिया है. आम आदमी पार्टी ने तो एमपी की सीटों पर पार्टी की ओर से प्रत्याशी उतारने का फैसला लिया है. जबकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का बयान मामले को थमने के बजाय गरमाने वाला है.
ये है SP-Congress के बीच रार की वजह
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच तकरार की वजह एक नहीं बल्कि कई हैं. एमपी में सपा कांग्रेस की बीच रार की प्रमुख वजह सीट शेयरिंग है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कांग्रेस से गठबंधन से वो सीटें मांगी गई थीं जो यूपी बॉर्डर से लगती हुई हैं और जहां पर सपा ने पहले बेहतर प्रदर्शन किया था, लेकिन उसे मांगी हुई सीटें नहीं मिलीं. अखिलेश यादव का दावा है कि उन्हें आश्वासन दिया गया था कि गठबंधन के तहत सपा को 6 सीट देने पर विचार किया जाएगा, लेकिन जब प्रत्याशियों के नाम घोषित किए गए तो हमारी पार्टी को एक भी सीट कांग्रेस ने नहीं दी. विवाद की मुख्य वजह यही है. दूसरी वजह यह भी मानी जा रही है कि कानपुर में एक कार्यक्रम के दौरान यूपी कांग्रेस चीफ अजय राय ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य की सभी 80 सीटों पर चुनावी तैयारी कर रही है. अगर ऐसी स्थिति बनी तो फिर सपा और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला खटाई में पड़ सकता है. इस मसले पर कांग्रेस की ओर से संदेश गया कि वह सभी सीटों की तैयारी कर रही है, जिससे सपा के लिए कोई जगह नहीं बचेगी.
कांग्रेस का सपा को जवाब
सपा से पूर्व विधायक गयादीन अनुरागी और पूर्व विधायक गाजीपुर पशुपति नाथ राय ने बीते बुधवार को अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की. दोनों को पार्टी की सदस्यता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने दिलाई. पूर्व विधायक पशुपतिनाथ राय जनपद गाजीपुर के मोहम्दाबाद सीट से विधायक रहे हैं. गयादीन अनुरागी हमीरपुर से विधायक रहे हैं. मध्य प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पूरे मामले पर एक सवाल पूछे जाने पर कहा- 'अरे भाई अखिलेश और वखिलेश को छोड़ो. प्रदेश अध्यक्ष ने दावा किया कि पार्टी को लोगों का समर्थन मिल रहा है. '
एमपी में सीट शेयरिंग (Seat Sharing) को लेकर जारी विवाद के बीच सपा ने 19 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव को लेकर दो और उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया. इनमें सीधी से राजेंद्र प्रसाद पटेल को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं छतरपुर से पुष्पेंद्र कुमार अहिरवार को टिकट दिया है. पार्टी अब तक कुल 33 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतार चुकी है. बता दें कि साल 2018 के एमपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने एक सीट जीती थी और 5 पांच सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी. पांच साल पहले सपा ने उसने आदिवासी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ गठबंधन किया था. सपा को 1.3 प्रतिशत वोट मिले थे.
AAP सभी सीटों पर उतारेगी पार्टी प्रत्याशी
आम आदमी पार्टी ने एमपी चुनाव को लेकर अभी तक तीन सूची जारी कर चुकी है. पहली सूची में 10, दूसरी सूची में 29 और तीसरी सूची में 30 उम्मीदवारों का ऐलान शामिल हैं. इस तरह से एमपी में आप अभी तक 69 प्रत्याशियों की सूची जारी कर चुकी है. आप ने एक साल पहले निकाय चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया था. विधानसभा चुनाव में पार्टी ने सभी 230 सीटों पर प्रत्याशी उतारने का एलान किया. अगस्त 2022 में नगरीय निकाय चुनाव में सिंगरौली में महापौर और कई शहरों में पार्षद का चुनाव जीतने के बाद से आप कार्यकर्ताओं में नया जोश है. पार्टी एमपी विधानसभा में दमखम दिखाने की कोशिश में जुटी है. आम आदमी पार्टी का संभाग स्तर पर संवाद कार्यक्रम भी काफी प्रभावी रहा है. सवांद कार्यक्रम की शुरुआत पार्टी ने बुंदेलखंड अंचल के मुख्यालय सागर से की थी. इसमें जुटे नेताओं ने चुनावी रणनीति पर चर्चा की. ऐसे सवाल यह भी उठता है कि क्या गुजरात की तरह दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की पार्टी एमपी में कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकती है.
MP विधानसभा चुनाव 2018
साल 2018 में मध्य प्रदेश में संपन्न विधानसभा चुनाव में कुल 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 114, बीजेपी 109, बसपा दो, सपा एक, चार अन्य को जीत मिली थी. साल 2020 में कमलनाथ सरकार पार्टी नेताओं के बीच सिर फुटौव्वल की वजह से गिर गई थी. इसका लाभ बीजेपी ने उठाया था. कांग्रेस के सिंधिया गुट के समर्थन से बीजेपी के शिवराज सिंह चौहान चौथी बार सीएम बने थे. इस बार सिंधिया एमपी चुनाव में बीजेपी की ओर से मैदान में हैं उनके कई समर्थकों को पार्टी मैदान में उतारा भी है. ये बात भी सही है कि एमपी कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ बीजेपी के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी का लाभ उठाना चाहते हैं, चर्चा यह भी है कि पार्टी का सीट शेयरिंग के मसले पर अपने सहयोगियों के प्रति इतना सख्त रवैया क्या उचित है?