Mundka Fire Case: दिल्ली की अदालत ने मुंडका अग्निकांड (Mundka Fire) के हादसे को लेकर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) द्वारा 5 आरोपियों के खिलाफ दायर चार्जशीट (Chargesheet) पर संज्ञान लिया है. दिल्ली में 13 मई को मुंडका मेट्रो स्टेशन (Mundka Metro station) के पास लगी आग की घटना में 27 लोगों की मौत हो गई थी. यह आग इतनी भयानक थी कि लोग अपनी जान बचाने के लिए 4 मंजिला इमारत से कूद गए थे. इस अग्निकांड को 7 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन में काबू किया था, इस घटना में कुल 27 लोगों के शव बरामद किए गए थे और कई लोग घायल हालात में अस्पताल भर्ती हुए थे.
इस घटना में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कंपनी के दो मालिक सहित बिल्डिंग के मालिक मनीष लाकड़ा को गिरफ्तार किया था. मुंडका अग्निकांड मामले में डीएनए प्रोफाइलिंग के मदद से सभी 27 शवों के पहचान के लिए डीएनए सैम्पल लिए थे. करीब 7 घंटे की मशक्कत के बाद इस आग पर काबू पाया गया, लेकिन हैरानी की बात ये है कि इस बिल्डिंग में बिना NOC धड़ल्ले से कंपनी चल रहीं थी.
जान बचाने के बिल्डिंग से कूद गए थे लोग
इस आग्निकांड के हादसे के बाद बिल्डिंग से निकलने के लिए लोगों के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं था, जिस वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. दिल्ली पुलिस ने इस घटना को लेकर एक सीसीटीवी कैमरा और राउटर निर्माण कंपनी के मालिकों को हिरासत में लिया था, यह बिल्डिंग की पहली मंजिल पर काम कर रहे थे, जिसमें आग लगी थी. आग इतनी भयानक थी कि इसे देखकर हर कोई हैरान था.
चश्मदीदों की मानें तो आग लगने के बाद शीशा तोड़ के काफी सारे लोग जान बचाने के लिए ऊपर से कूद गए थे. जिन्हें नजदीकी संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया.
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