Delhi MCD Unification: लोकसभा में बुधवार को दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित हो गया. यह विधेयक दिल्ली के तीन नगर निगमों का एकीकरण करने के लिए पेश किया गया था. लोकसभा में विधेयक पास होने के बाद अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा. गौरतलब है कि इस विधेयक के पेश होने की चर्चाओं के बाद से ही दिल्ली में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच तकरार बढ़ गई है.


एक ओर जहां आम आदमी पार्टी का दावा है कि बीजेपी चुनाव में हार की डर की वजह से तीनों निगमों को एक करने के बहाने, चुनाव टालने की कोशिश में है तो वहीं बीजेपी ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार, तीनों निगमों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. AAP नेता और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि अगर एमसीडी चुनाव समय पर हों और आम आदमी पार्टी चुनाव हार जाए तो वह राजनीति छोड़ देंगे. वहीं बीजेपी का कहना है कि निगमों के एकीकरण से दिल्ली नागरिकों को काफी राहत मिलेगी और इससे उनके हित में अच्छे फैसले लिए जा सकते हैं.



AAP के आरोपों पर यह बोले अमित शाह
वहीं लोकसभा में विधेयक पास होने से पहले गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- "हम चुनाव से नहीं डरते. मैं आपको बताऊंगा कि जब चुनाव की आशंका हो तो क्या किया जाता है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंदिरा गांधी का चुनाव रद्द कर दिया था. इसके तुरंत बाद, एक पीएम, जिसे इस सदन में वोट देने का अधिकार नहीं था, ने देश में लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिए और आपातकाल लगा दिया. यही डर है."


गृह मंत्री ने कहा "जो लोग कह रहे हैं कि चुनाव के डर से चुनाव (एमसीडी चुनाव) टाले गए हैं, वे खुद डरे हुए हैं. अगर आपको जीत का इतना भरोसा है तो आप अभी चुनाव क्यों चाहते हैं? अगर आपने अच्छा काम किया है तो आप 6 महीने बाद भी जीतेंगे."


लोकसभा की कार्यवाही के दौरान बुधवार दिन में गृह मंत्री ने लोकसभा में कहा था- "दिल्ली सरकार, दिल्ली नगर निगमों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. इसके कारण सारे नगर निगम अपने दायित्वों को निर्वहन करने के लिए खुद को पर्याप्त संसाधनों से लैस नहीं पाते हैं."


मनीष सिसोदिया ने लगाया था यह आरोप
इसके जवाब में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा "भाजपा को यह याद रखना चाहिए कि 2011-12 से पहले, भाजपा के शासन में नगर पालिका एक ही इकाई थी, तब भी कूड़ा और प्रदूषण हुआ करता था. आप 3 नगर पालिकाओं के साथ भी देखेंगे, भाजपा बदलाव नहीं कर पाएगी, यह केवल भ्रष्टाचार कर सकती है."


डिप्टी सीएम ने कहा- "यह बात केंद्रीय गृह मंत्री अच्छी तरह से जानते हैं. वर्तमान में वे सिर्फ चुनाव से भाग रहे हैं और इस तरह बिल लाए हैं. दिल्ली की जनता ने बीजेपी को ठीक से देखा है. अमित शाह जी को बता है कि दिल्ली की जनता नगर निगम चुनाव में उनकी बात नहीं सुनेगी."


विधेयक में क्या है?
दिल्ली नगर निगम एकीकरण विधेयक के अनुसार दिल्ली में नगर निगमों के एकीकरण के बाद उनमें सीटों की संख्या 250 से अधिक नहीं होगी और जब तक विलय कानून के तहत निकाय की पहली बैठक आयोजित नहीं होती तब तक इसके कार्य की देखरेख के लिए एक विशेष अधिकारी को नियुक्त किया जा सकता है. दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक में यह भी कहा गया है कि 2011 में तत्कालीन दिल्ली नगर निगम का विभाजन क्षेत्रीय डिवीजनों और राजस्व सृजन क्षमता के मामले में 'असमान' था.


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