दुकानों में नेमप्लेट लगाने के आदेश पर जमीयत उलेमा ए हिंद का बड़ा बयान, 'आजादी के बाद...'
Nameplate Row: यूपी में कांवड़ के रास्ते में पड़ने वाले दुनाकनों पर नेमप्लेट लगाने के आदेश पर सियासत तेज हो गई है. अब इस मुद्दे पर जमीयत उलेमा ए हिंद ने भी ऐतराज जताया है.
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Jamiat-Ulama-E-Hind on UP Nameplate Row: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों कांवड़ यात्रा के रास्ते में पड़ने वाले दुकानों पर नेम प्लेट लिखने का आदेश दिया है. उनके इस फैसले के बाद प्रदेश में सियासी पारा हाई हो गया. सीएम योगी के इस फैसले पर विपक्षी दलों के साथ अलग-अलग समाज के लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया है. इस फैसले पर जमीयत उलेमा ए हिंद ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
जमीयत उलेमा ए हिंद के महासचिव मोहम्मद हकीमुद्दीन कासमी ने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान जमीयत उलेमा ए हिंद ने हमेशा मेहमान नवाजी की है. उन्होंने कहा कि इस दौरान बनारस, मुजफ्फरनगर और शामली जैसे स्थानों पर जहां से कांवड़ यात्री गुजरते उनका पूरे आदर के साथ स्वागत सत्कार किया जाता था फल, पानी और दूसरे संभावित तरीकों से.
Delhi: Jamiat-Ulama-i-Hind, General Secretary Mohammad Hakimuddin Qasmi says, "During the Kanwar Yatra, the Jamiat Ulema-i-Hind always extended hospitality. In places like Banaras, Mujaffarnagar, and Shamli, in various neighborhoods from where Kanwar Yatra participants used to… pic.twitter.com/L6ROLcgI7a
— IANS (@ians_india) July 21, 2024
'सरकार का फैसला गैर जिम्मेदाराना'
प्रदेश सरकार के फैसले का विरोध करते हुए मोहम्मद हकीमुद्दीन कासमी ने कहा,"सरकार ने अब जो फैसला लिया है, वह बहुत गैर जिम्मेदाराना और अन्यायपूर्ण हैं." उन्होंने कहा, "जमीयत उलेमा ए हिंद का इस संबंध में बयान भी आ चुका है. हमारे देश के लोग सरकार के इस फैसले को स्वीकार नहीं कर रहे हैं."
मोहम्मद हकीमुद्दीन कासमी ने कहा,"हमारा देश गांधी, नेहरू और पटेल का देश है, हम सबलोग इस देश के एक हिस्सा हैं." उन्होंने कहा कि इस तरह के हालात अफ्रीका और दुनिया के दूसरे देशों में होते थे, जहां इंसनानों को एक दूसरे से बांटा जाता था."
उन्होंने प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए कहा, "हमारे देश में अंग्रजों ने बांटना शुरू किया था और इस फैसले पर एक लंबी लड़ाई लड़ी गई थी. हालांकि आजादी के बाद यह एक नया सिलसिला शुरू हुआ है, यह किसी भी हाल में मुनासिब नहीं है."
'एनडीए में शामिल दल भी कर रहे हैं विरोध'
विपक्ष के विरोध के सवाल पर जमीयत उलेमा ए हिंद के महासचिव मोहम्मद हकीमुद्दीन कासमी ने कहा, "प्रदेश सरकार के इस फैसले का विरोध सिर्फ विपक्ष ही नहीं बल्कि एनडीए में शामिल पार्टियां भी इसका विरोध कर रही हैं." उन्होंने कहा, "उनका भी मानना है कि हमारे समाज का जो तानाबाना है और देश में जो भाईचारे का माहौल रहा है, वह इसके लिए मुनासिब नहीं है.
'बांटों और हुकुमत करो वाला है ये आदेश'
मोहम्मद हकीमुद्दीन कासमी ने कहा कि यह फैसला पूरी तरह से नाजायज है और इसके जायज होने की कोई शक्ल नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा, "यह फैसला बिल्कुल अंग्रेजों की तरह है, बांटों और हुकुमत करो. हालिया दिनों में सियासी ऐतबार से कुछ कमजोरियां पैदा हुई हैं, इसलिए कुछ लोग सियासी फायदा उठाने की कोशिश में लगे हैं."
कांवड़ यात्रियों का जिक्र करते हुए मोहम्मद हकीमुद्दीन कासमी ने कहा, "कांवड़ यात्रा में शामिल लोगों का कहना है कि उनको कभी भी कोई परेशानी नहीं थी." उन्होंने कांवड़ यात्रियों के हवाले से कहा कि उनका कहना कि यात्रा के समय समुदाय विशेष के ढाबे या होटल वाले अन्य के मुकाबले ज्यादा इज्जत देते हैं.
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