Narsinghanand Saraswati Controversial Statement: हरियाणा (Haryana) के नूंह (Nuh) में बीते दिनों हिंदुओं की शोभा यात्रा पर हुए हमले के बाद जिस तरह से हरियाणा के कई इलाके हिंसा की आग में जले, कहीं न कहीं उसकी आंच अभी भी बाकी है. इस हिंसा और फिर इसके आरोप में की गई हिन्दू युवकों की गिरफ्तारी के विरोध में जहां गांव के लोगों ने महापंचायत की थी.
वहीं रविवार को राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर (Jantar-Mantar) पर हिंदुओं के सनातन धर्म के प्रतिनिधि और प्रचारक कई महंतों की ऑल इंडिया सनातन फेडरेशन (AISF) ने मेवात नूह हिंसा के विरोध में महापंचायत की. इस महापंचायत में जंतर मंतर पर हिंदू संगठन से जुड़े हुए करीब 100 संत मौजूद थे. इस दौरान वहां भारी संख्या में दिल्ली पुलिस के जवान भी मौजूद रहे और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बना कर रखी गई. संतो को पुलिस की तरफ से स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि वो दूसरे समुदाय विशेष की बात नहीं करेंगे. बावजूद उसके महापंचायत में भड़काऊ भाषण दिए गए.
हालांकि, इस पर वहां मौजूद एडिशनल डीसीपी की तरफ से आपत्ति जताई गई, लेकिन इसके बाद भी लगातार विवादित बयान दिए गए. इसके बाद पुलिस को इस महापंचायत को बीच मे ही रद्द करने का आदेश देना पड़ा. इससे पहले महापंचायत में जंतर-मंतर पहुंचे डासना मंदिर के महंत स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती ने मंच पर भाषण देते हुए कहा " वर्तमान में जिस तरह के हालात बन रहे हैं. अगर यही हालात जारी रहे तो साल 2029 में देश का प्रधानमंत्री एक मुस्लिम होगा." उन्होंने कहा कि हिन्दू कुछ बोले तो एफआईआर कर दी जाती है, उनकी हत्या कर दी जाती है. इसलिए वो समय की मांग को देखते हुए इसके खिलाफ आवाज उठाने को मजबूर हो गए.
'जब देश का प्रधानमंत्री मुस्लिम होगा तब...'
उन्होंने कहा है कि देश में हिंदुओं की आबादी कम हो रही है. मुसलमानों की आबादी बढ़ रही है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो पूरे देश मे मुख्यमंत्री भी उन्हीं का होगा और प्रधानमंत्री भी. शोभायात्रा में हुए हमले का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि आज हिंदुओं की धार्मिक यात्रा निकालने पर जिहादियों द्वारा पत्थरबाजी की जाती है. इसके बाद हिंसा के आरोप में हिंदुओं के खिलाफ ही कार्रवाई की जाती है. ऐसे में यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब आज के हालात ऐसे हैं तो जब 2029 में इनका प्रधानमंत्री देश को चलाएगा तब देश मे किस तरह की स्थिति होगी.
पुलिस ने रोकी महापंचायत
वहीं इस दौरान विष्णु गुप्ता ने मंच पर बोलते हुए कहा कि जब तक भारत में एक भी मुसलमान रहेगा, तब तक भारत पाकिस्तान का बंटवारा सही नहीं माना जाएगा. इस विवादित बयान के तुरंत बाद ही दिल्ली पुलिस ने महापंचायत को रुकवा दिया. मंच से बोलते हुए एडिशनल डीसीपी ने कहा कि बार-बार आग्रह करने के बाद भी समुदाय विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिए जा रहे हैं, जिसकी वजह से हमें मजबूरन महापंचायत को रोकना पड़ रहा है.
इस दौरान उन्होंने जी-20 सम्मेलन का भी जिक्र करते हुए कहा है कि वो नहीं चाहते हैं कि देश में किसी भी प्रकार की कोई अव्यवस्था फैले और दुनिया भर में कोई गलत संदेश जाए.