राजधानी दिल्ली के  43 फीसदी स्कूल के बच्चों के पास कोरोना के समय डिजिटल डिवाइस नहीं था. इस बात का खुलासा  राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2021 की रिपोर्ट में हुआ है, जिसमें बताया गया है कि राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2021 में भाग लेने वाले राष्ट्रीय राजधानी के 43% बच्चों के पास  डिजिटल डिवाइस नहीं थी. यह सर्वेक्षण नवंबर 2021 में कक्षा 3, 5, 8 और 10 में 34 लाख छात्रों के सीखने की क्षमता को लेकर लिया गया था. जैसा कि पहले बताया गया है कि दिल्ली कक्षा 3 में गणित और भाषा के लिए सबसे कम औसत स्कोर वाले पांच राज्यों में से एक है. कक्षा 3 और 5 के लिए सभी विषयों में राष्ट्रीय औसत से पीछे है, महामारी से पहले साल 2017 में किया गया अंतिम उपलब्धि सर्वेक्षण था.


दिल्ली के छात्रों को लेकर हुए सर्वेक्षण में छात्रों से महामारी के दौरान सीखने के उनके अनुभव के बारे में भी पूछा गया था. इस सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 23,968 में से 22% बच्चों ने कहा कि उनके पास घर पर डिजिटल डिवाइस तक नहीं थे. दिल्ली में कक्षा 3 के 9,999 प्रतिभागियों में से 34% और कक्षा 5 के 10,359 प्रतिभागियों में से 36% के पास डिजिटल डिवाइस नहीं था. इसके साथ ही कक्षा 8 के 19,728 में से 82% छात्रों के पास घर पर डिजिटल डिवाइस नहीं थे. 


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बता दें कि जिस समय राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण को आयोजित किया गया था, उस समय दिल्ली में प्राथमिक और मध्यम वर्ग की कक्षाओं के बच्चे महामारी की शुरुआत के दो सप्ताह तक भी स्कूल नहीं गए थे. 1 नवंबर 2021 को छात्रों के लिए महामारी शुरू होने के बाद पहली बार स्कूल खुले थे. इस सर्वेक्षण में टॉप प्रदर्शन करने वाले दो राज्य पंजाब और राजस्थान रहे, हालांकि पंजाब में भी 42% प्रतिभागियों के पास डिजिटल डिवाइस नहीं थे. इतना ही नहीं सर्वेक्षण के रिजल्ट से पता चला कि महामारी के दौरान चिंता और भय का अनुभव करने वाले छात्रों का था. दिल्ली में कम से कम 58 प्रतिशत भाग लेने वाले बच्चों ने इस बात को माना.


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