Delhi News: राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय द्वारा जारी उस परिपत्र को वापस लेने को कहा है जिसमें कहा गया है कि लड़कियों को “यह जानना चाहिए कि पुरुष मित्रों व उनके बीच एक वास्तविक रेखा कैसे खींची जाए.” शर्मा ने इस परिपत्र को “महिला विरोधी करार दिया है.


ट्विटर पर परिपत्र को साझा करते हुए उसे वापस लेने का आग्रह


विश्वविद्यालय द्वारा यौन उत्पीड़न पर कॉउंसलिंग सत्र के लिए उक्त परिपत्र जारी किया गया था. शर्मा ने ट्विटर पर परिपत्र को साझा करते हुए उसे वापस लेने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, “सारा उपदेश लड़कियों के लिए ही क्यों होता है? अब पीड़ितों की बजाय उत्पीड़न करने वालों को पाठ पढ़ाने का समय आ गया है. जेएनयू के महिला विरोधी परिपत्र को वापस लिया जाना चाहिए.


यौन उत्पीड़न पर 17 जनवरी को कॉउंसलिंग सत्र का आयोजन


आंतरिक समिति का रुख पीड़िता केंद्रित होना चाहिए न की इसके विपरीत.”विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) ने वेबसाइट पर परिपत्र डाला है जिसमें कहा गया है कि यौन उत्पीड़न पर 17 जनवरी को कॉउंसलिंग सत्र का आयोजन किया जाएगा. परिपत्र में यह भी कहा गया कि इस प्रकार के सत्र मासिक तौर पर आयोजित किये जाएंगे. परिपत्र में कहा गया, “आईसीसी के सामने ऐसे कई मामले आए जहां यौन उत्पीड़न नजदीकी दोस्तों के बीच हुआ था. लड़के आमतौर पर (कभी जानबूझकर कभी अनजाने में) दोस्ती और यौन उत्पीड़न के बीच की रेखा को लांघ जाते हैं. लड़कियों को यह जानना चाहिए कि वह ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए (खुद और अपने पुरुष दोस्तों के बीच) एक वास्तविक रेखा कैसे खींचें.”


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