Kalkalji Mandir Delhi: दिल्ली के स्थित सिद्धपीठ कालकाजी मंदिर के पुनर्विकास की योजना चल रही है. इसी बीच 22 मार्च से नवरात्रि (Navratri) शुरू हो रही है, जिसे देखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रशासनिक अधिकारियों और दिल्ली पुलिस के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं. जिससे नवरात्रि के दौरान मंदिर में होने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को किसी तरह की परेशानियों का सामना ना करना पड़े. हाई कोर्ट की जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह ने श्रद्धालुओं की भीड़ को व्यवस्थित रखने के उद्देश्य से पर्याप्त संख्या में पुलिस बलों की तैनाती के आदेश दिए हैं.


इन्हें कोर्ट ने तीन शिफ्ट में लगाने के लिए निर्देशित किया है. आदेश के मुताबिक बैरिकेड के जरिए भीड़ को कंट्रोल करने की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की होगी, जिससे किसी भी तरह की भगदड़ या भारी भीड़ वाली स्थिति ना बने. वहीं आपात स्थिति के लिए दो एंबुलेंस और दो फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी लगाने के आदेश दिए गए हैं. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार के हेल्थ डिपार्टमेंट और एसडीएम, कालकाजी को दो शिफ्ट में 100-100 सिविल डिफेंस वॉलेंटियर, एक डॉक्टर और दो पैरामेडिक्स की व्यवस्था उपलब्ध कराएं.


सिविक एजेंसियों की तय की गई जिम्मेदारियां
इसके अलावा दिल्ली जल बोर्ड को मंदिर परिसर में पर्याप्त मात्रा में पेयजल और आसपास के नालों में साफ सफाई की जिम्मेदारी दी गयी ह.। साथ ही बीएसईएस को नवरात्रि में मंदिर के अंदर बिजली की निर्बाध सप्लाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं डूसिब को जरूरी स्टाफ के साथ 16 मोबइल टॉयलेट की व्यवस्था करने का काम दिया गया है. वहीं पीडब्ल्यूडी और डीडीए को आसपास की सड़कों की मरम्मत कराने के आदेश जारी किए गए हैं.


कालकाजी मंदिर की विशेषता
कालकाजी के मुख्य मंदिर में 12 द्वार हैं, जो 12 महीनों का संकेत देते हैं. हर द्वार के पास माता के अलग-अलग रूपों का चित्रण किया गया है. मंदिर के परिक्रमा में 36 मातृकाओं (हिन्दी वर्णमाला के अक्षर) के द्योतक हैं. माना जाता है कि ग्रहण में सभी ग्रह इनके अधीन होते हैं, इसलिए दुनिया भर के मंदिर ग्रहण के वक्त बंद होते हैं, जबकि कालकाजी मंदिर खुला होता है.



ये भी पढ़ें- Delhi Lake: दिल्ली को झीलों का शहर बनाने की तैयारी, 26 लेक और 380 वाटरबॉडी बना रही केजरीवाल सरकार