Delhi Rape Case: नाबालिग से रेप मामले में बाल आयोग के चीफ का बड़ा बयान, बोले- 'आरोपियों को बचा रहीं स्वाति मालीवाल'
Delhi Girl Rape Case: राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग के चेयरपर्सन प्रियांक कानूनगो के मुताबिक यह मामला NCPCR के क्षेत्राधिकार में आता है, न कि दिल्ली महिला आयोग स्वाति मालीवाल के.
Delhi News: दिल्ली सरकार महिला एवं बाल विभाग के निलंबित वरिष्ठ अधिकारी को लेकर पिछले तीन दिनों से राजधानी में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. अब नाबालिग लड़की से बलात्कार और उसे गर्भवती बनाने के मसले पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो का बयान सामने आया है. प्रियांक कानूनगो का दावा है कि 21 अगस्त 2023 को नाबालिग लड़की से हुई रेप की घटना के लिए दिल्ली सरकार और डीसीडब्लू चीफ स्वाति मालीवाल जिम्मेदार हैं.
एनसीपीसीआर चीफ प्रियांक कानूनगो ने कहा कि हमने पीड़िता से मुलाकात की और उसकी मां और डॉक्टरों से विस्तृत बातचीत की है. इस मामले में दिल्ली सरकार की ओर से पहले दिन से ही लापरवाही बरती गई. पीड़ित के पिता की मृत्यु COVID-19 के कारण हुई. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार यदि किसी बच्चे के पिता या माता की मृत्यु COVID-19 के कारण होती है, तो उनके सभी विवरण बालस्वराज पोर्टल पर दर्ज किए जाने चाहिए. रेप के आरोप गिरफ्तार और निलंबित अधिकारी की जिम्मेदारी सभी विवरण संबंधित वेबसाइट पर अपलोड करने की थी.
झूठ बोल रही हैं स्वाति मालीवाल
एनसीपीसीआर चेयरपर्सन प्रियांक कानूनगो ने एएनआई से बातचीत में साफ शब्दों में कहा है कि इसके लिए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार जिम्मेदार है. आरोपियों को बचाने की कोशिश हो रही है. अरविंद केजरीवाल और डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल झूठे हैं. POCSO अधिनियम के अनुसार यह मामला NCPCR के अंतर्गत आता है, न कि DCW के अंतर्गत. स्वाति मालीवाल ने अस्पताल का दौरा किया है. वह, इस मामले में शामिल अन्य अधिकारियों और राजनेताओं को बचाने के लिए काम कर रही हैं. दूसरी तरफ दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि पिछले आठ साल के दौरान केजरीवाल सरकार में शामिल कई मंत्रियों, विधायकों एवं ऑफिसरों के खिलाफ शिकायतें आई हैं. शिकायतों के मुताबिक इन आरोपियों ने कई मामलों में महिलाओं और लड़कियों का मानसिक और आर्थिक शोषण किया है. वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि इस मामले की जांच होनी चाहिए. डीसीडब्लू चीफ स्वाति मालीवाल को केजरीवाल सरकार से पूछना चाहिए कि जब एफआईआर 13 अगस्त को हुई तो अफसर पर कार्यवाही में 7 दिन क्यों लग गए?