(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Delhi News: हर्ष मंदर की कहानी को पाठ्यक्रम में शामिल करने पर NCERT से मांगा गया जवाब, जानें क्या है पूरा मामला
NCPCR: नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी हर्ष मंदर की कहानी को पाठ्यक्रम में शामिल करने पर एनसीईआरटी से जवाब मांगा है. जानें पूरा मामला.
NCPCR sought an explanation from NCERT: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने एनसीईआरटी (NCERT) को तलब किया है. दरअसल एनसीईआरटी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी हर्ष मंदर (Harsh Mander) की कहानी को पाठ्यक्रम में जगह दी है. इस कारण से एनसीपीसीआर ने नेशनल काउंसिल फॉर एजुकेशनल एंड रिसर्च ट्रेनिंग (NCERT) को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज की है. दरअसल बाल गृह संचालित करने के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर की एक कहानी को स्कूल की पाठ्यपुस्तक में शामिल करने पर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) से स्पष्टीकरण मांगा गया है.
क्या कहा आयोग प्रमुख ने -
आयोग के प्रमुख प्रियंक कानूनगो ने एनसीईआरटी को लिखे एक पत्र में कहा कि एक शिकायत के बाद कहानी की सामग्री की जांच की गई और यह पाया गया कि यह किशोर न्याय अधिनियम, 2015 के विभिन्न प्रावधानों को नकारती है.
पत्र में की शिकायत –
एनसीईआरटी को लिखे एक पत्र में, एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने लिखा, ‘आयोग को कक्षा IX के लिए अंग्रेजी पुस्तक 'मोमेंट्स' में शामिल 'वेदरिंग द स्टॉर्म इन एर्सामा' शीर्षक वाली एक कहानी को उजागर करने वाली एक शिकायत मिली है. प्रसिद्ध साहित्यकारों द्वारा अन्य कहानियों के बीच पूरक पठन पुस्तक में शामिल ये अध्याय (कहानी) हर्ष मंदर द्वारा लिखी गई है. शिकायत एक ऐसे व्यक्ति द्वारा कहानी को शामिल किए जाने पर सवाल उठाती है, जिस पर बाल गृह चलाते समय मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है.’
हफ्ते भर के अंदर मांगा जवाब –
आयोग ने बताया है कि दो अन्य कहानियां - ए होम ऑन द स्ट्रीट और पेइंग फॉर हिज़ टी - भी इसी तरह का सिनेरियो पेश करती हैं और देश में बच्चों की देखभाल और सुरक्षा की वास्तविकता को वैरीफाई किए बिना कोर्स में शामिल की गई हैं. एनसीपीसीआर ने एक हफ्ते के भीतर एनसीईआरटी से स्पष्टीकरण मांगा है और उचित कार्रवाई करने को कहा है.
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