Delhi Meerut RRTS Corridor: सेमी हाई स्पीड ट्रेन सेवा शुरू होने से पहले RRTS ने हासिल की बड़ी उपलब्धि, जानें बिना बिजली के कैसे...
NCRTC RRTS Depo: आरआरटीएस डिपो दुहाई स्थित सोलर पावर प्लांट का जीवनकाल 25 साल है. यह सोलर पावर प्लांट प्रति वर्ष लगभग 6,66,000 यूनिट सौर ऊर्जा उत्पन्न करेगा.

Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (National Capital Region Transport Corporation) परियोजना के तहत निर्माणाधीन आरआरटीएस (RRTS) सेमी हाई स्पीड ट्रेन के पहले चरण की शुरुआत होने में अभी कुछ समय और लगेगा, लेकिन आरआरटीएस डिपो दुहाई (RRTS Depo Duhai) ने साहिबाबाद से दुहाई तक की सेवा की शुरुआत करने से पहले ही एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है. दिल्ली एनसीआर पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम की यह उपलब्धि चौंकाने वाली है. यही वजह है कि आरआरटीएस डिपो दुहाई की ये उपलब्धि अन्य परिवहन एजेंसियों सहित अन्य संस्थानों के लिए भी आने वाले दिनों में एक उदाहरण साबित होने वाला है.
दरअसल, एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने 8 जुलाई 2023 को दुहाई स्थित आरआरटीएस डिपो में स्थापित एक अत्याधुनिक सोलर पावर प्लांट का उद्घाटन किया. यह नवीकरणीय ऊर्जा और सस्टेनेबल प्रक्रियाएं अपनाने की एनसीआरटीसी की यात्रा में एक महत्वपूर्ण माइलस्टोन है. नव-निर्मित सोलर पावर प्लांट की इंस्टॉल्ड कैपेसिटी 585 kWp है. इसके लिए वर्कशॉप सहित डिपो की कई अन्य बिल्डिंग्स पर सौर पैनल इंस्टॉल किए गए हैं. सोलर पावर प्लांट का जीवनकाल 25 साल है. इस दौरान यह सोलर पावर प्लांट प्रति वर्ष लगभग 6,66,000 यूनिट सौर ऊर्जा उत्पन्न करेगा. इस प्लांट से अनुमानित तौर पर सालाना 615 टन कार्बन उत्सर्जन कम होने की उम्मीद है, जिससे इसके कुल जीवनकाल में कार्बन उत्सर्जन में लगभग 15,375 टन की उल्लेखनीय कमी आएगी.
जीरो कार्बन उत्सर्जन करने वाला पहला डिपो
सोलर पावर प्लांट के माध्यम से उत्पादित सौर ऊर्जा की मॉनिटरिंग और ऑप्टिमाइजेशन एक अत्याधुनिक क्लाउड आधारित एप्लिकेशन द्वारा किया जाएगा, जो निरंतर और नियमित तौर पर आउटपुट को ट्रैक करेगा. यह उन्नत तकनीक सौर ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर की पारदर्शिता, दक्षता और निर्बाध प्रबंधन सुनिश्चित करती है. दुहाई डिपो सोलर पावर प्लांट द्वारा जिस मात्रा में सौर ऊर्जा उत्पादित होगी, वह न केवल डिपो की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरी तरह से पूरा करने में सक्षम होगी, बल्कि उसके बाद भी अतिरिक्त ऊर्जा उपलब्ध होगी, जिसका उपयोग अन्य आरआरटीएस परिचालनों में भी किया जा सकेगा. अपने इस प्रयास से सौर ऊर्जा द्वारा संचालित दुहाई डिपो 'नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन' की उपलब्धि हासिल करने वाला यह पहला 'ग्रीन डिपो' बन जाएगा, जो सस्टेनेबिलिटी के प्रति एनसीआरटीसी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
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