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NDMC Waterlogging: एनडीएमसी का जलभराव से पार पाने के लिए मेगा प्लान तैयार, डिटेल में पढ़ें सबकुछ
NDMC Action Plan For Waterlogging: एनडीएमसी के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय (Satish Upadhyay) ने बताया कि संवेदनशील क्षेत्रों की सीसीटीवी कैमरों के जरिए चौबीसों घंटे स्थिति की निगरानी की जा रही है.
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NDMC Waterlogging News: दो दिन पहले भारी बारिश की वजह से दिल्ली जलमग्न हो गया था. इसमें नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) का एरिया भी शामिल था. रविवार को भी मौसम विभाग ने पांच जुलाई तक भारी बारिश की संभावना जताई है. इस बात ध्यान में रखते हुए अब एनडीएमसी ने जलभराव से पार पाने के लिए मेगा प्लान तैयार की है. ताकि, मूसलाधार बारिश होने पर फिर से दिल्ली वालों की जिंदगी की रफ्तार ब्रेक न लग जाए.
नई दिल्ली नगर निगम परिषद (New Delhi Municipal Council) के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा है कि सिविक एजेंसी एनडीएमसी ने ट्रैफिक पुलिस और जनता से मिले फीडबैक के आधार पर लुटियन जोन में जलभराव के पांच संवेदनशील बिंदुओं की पहचान की है. इनमें अफ्रीका एवेन्यू, बाबा खड़क सिंह मार्ग, पंचकुइयां रोड, पुराना किला रोड और लोधी एस्टेट शामिल हैं.
सीसीटीवी कैमरों से 24 घंटे निगरानी
उन्होंने कहा कि जलभराव के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों की सीसीटीवी कैमरों के जरिए चौबीसों घंटे निगरानी की जाएगी. सभी पहचाने गए संवेदनशील बिंदुओं पर सुपर सक्शन मशीनें चौबीसों घंटे काम कर रही हैं. उपाध्यक्ष ने कहा कि प्रत्येक सर्विस स्टेशन में संबंधित क्षेत्रों में जलभराव के प्रबंधन के लिए 10 प्राथमिक और 10 बैकअप पंप लगाए गए हैं.
स्पेशल ड्यूटी पर तैनात किए गए 48 कर्मचारी
इंडिया टुडे ने सतीश उपाध्याय के हवाले से बताया है कि एनडीएमसी के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति के प्रबंधन के लिए विशेष रूप से 48 अतिरिक्त कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है. अधीक्षण अभियंता को सभी संवेदनशील स्थानों पर जलभराव को रोकने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. ताकि जलभराव की समस्या से लोगों को फिर परेशानी न हो. भारती नगर में जलभराव को प्रभावी ढंग से दूर करने के लिए और पंप लगाए गए हैं.
88 साल का टूटा रिकॉर्ड
बता दें कि दिल्ली में शुक्रवार को 88 वर्षों में जून में सबसे अधिक बारिश हुई. जून माह के औसत पानी से कई गुना ज्यादा बारिश एक दिन में हुई, जिससे सड़कों पर पानी भर गया और यात्री सड़कों पर फंस गए.
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