NEET Exam: नीट परीक्षा में कथित अनियमितता, पेपर लीक (Paper Leak) और मेरिट लिस्ट में अचानक हुई वृद्धि को लेकर देशभर में छात्रों में नाराजगी है. इस मुद्दे ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है और विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है. वहीं, छात्र संगठन और राजनीतिक पार्टियों की युवा इकाई नीट के नतीजों को लेकर देशभर में प्रदर्शन कर रही है. इस बार कुल 67स्टूडेंट्स को 720 नंबर आए हैं, नीट परीक्षा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है.     


कई छात्रों ने पेपर लीक मामले की जांच की मांग है. वहीं, कइयों का यह मानना है कि 1563 स्टूडेंट्स को री-टेस्ट का विकल्प देना केवल आईवॉश है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मध्य प्रदेश के एक छात्र अनिमेष ने कहा कि बहुत अन्याय हुआ है. वे केवल इससे मुक्त होना चाहते हैं. वे केवल पेपर लीक स्कैम को छुपाना चाहते हैं. चीजें स्पष्ट नहीं हैं. मामले की जांच थर्ड पार्टी से कराई जानी चाहिए जिसका एनटीए की तरफ झुकाव न हो.


दोबारा परीक्षा में कम अंक आने का डर
उधर, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म नीट प्रेप डॉट कॉम के संस्थापक कपिल गुप्ता ने कहा कि जिन स्टूडेंट्स के अच्छे मार्क्स आए थे उन्हें दोबारा होने वाली परीक्षा में कम अंक आने का खतरा है.


उन्होंने कहा, ''1563 एग्जाम लिखने के लिए जा रहे हैं, मेरे हिसाब से वह जो सारा प्रोसेस है, बच्चों को टाइम नहीं दिया, दूसरी चीज यह है कि अब वह कैसा परफॉर्म कर पाएंगे. इसमें कुछ तो कहीं ना कहीं अजीब हुआ है, कटऑफ इतना ज्यादा ऊपर गया है. पिछली बार कटऑफ 610 नंबर था. इसका मतलब है कि ऑल इंडिया काउंसलिंग से जो कॉलेज की लास्ट सीट 610 पर मिली थी. इसबार वो 655 हो गया है. 655 का मतलब है कि 91.5 फीसदी नंबर. तो एग्जाम लेने का क्या मतलब है.''


कैसे मिलेगी निजात?


NEET UG परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करने वाले कपिल गुप्ता ने कहा, ''सख्त कानून लाना होगा. हमारे यहां एंटी चीटिंग लॉ है, इसमें एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाता है और 10 साल की सजा का प्रावधान है. इस बार जो पेपर का मामला आया, गोधरा और पटना में हुआ, पटना में 35 लाख रुपये प्रति बच्चे की डील की बात सामने आई है. गोधरा में 68 लाख रुपये की बात सामने आई है. ऐसे में एक करोड़ रुपये के जुर्माने का कोई मतलब नहीं है.''


उन्होंने कहा, ''इसमें 50 से 100 करोड़ रुपये तक का लेन देन होता है. सजा वाले लोग तो जेल में रहकर भी मैनेज कर सकते हैं. ये अपने आप में बड़ा रैकेट है. इसके लिए जरूरी है कि और भी सख्ती हो.'' कपिल गुप्ता ने कहा कि हमारे साथ पिछले साल 2 लाख लाख बच्चे जुड़े थे. ऑनलाइन तैयारी करवा रहे थे. सात साल से तैयारी करवा रहे हैं. एक पिता अपने बच्चे के साथ आए, उन्होंने बताया कि मेरे बेटे को पिछले साल 663 नंबर मिला, उसे दिल्ली में कॉलेज मिल जाता. उसे इसबार साउथ का कोई कॉलेज मिल सकता है, जहां वो जाना जाता. वो बड़ा दुखी था. उस बच्चे का बचपन से सपना था कि वो डॉक्टर बनना चाहता है. ऐसे में जरूरी है कि शिक्षक भी बच्चों को मोटिवेट करें.


सुप्रीम कोर्ट में मामला


बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने नीट एग्जाम को लेकर केंद्र, एनटीए और अन्य याचिकाकर्ताओं से जवाब मांगा है. इनमें वे याचिकाकर्ता भी हैं जो परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं और अनियमितता की जांच कोर्ट की निगरानी में कराने की मांग कर रहे हैं. हालांकि कोर्ट ने काउंसलिंग की प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई है.


क्या चाहते हैं स्टूडेंट्स?
उधर, दिल्ली के छात्र तेजस गौर जिन्होंने नीट परीक्षा पास की है. वह दोबारा परीक्षा देगा. तेजस ने कहा कि अगर दोबारा परीक्षा होती है तो मुझे नहीं लगता कि यह केवल 1563 स्टूडेंट्स तक सीमित है. तेजस को 4627वीं रैंकिंग आई है. नीट-यूजी के तहत सरकारी और निजी संस्थानों के लिए एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित कोर्स की परीक्षा ली जाती है. 


समय से पहले आ गए नतीजे
नीट की परीक्षा 5 मई को 4,750  सेंटर पर आयोजित की गई थी और 24 लाख स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी थी. परीक्षा का नतीजा 14 जून को आना था लेकिन यह 4 जून को ही आ गया क्योंकि प्रश्नपत्रों का मूल्यांकन पूरा हो गयाथा. विवाद के बीच शिक्षा मंत्रालय ने चार सदस्यीय पैनल का गठन किया जिसकी अध्यक्षता यूपीएससी के पूर्व चेयरमैन कर रहे हैं. यह पैनल ग्रेस मार्क्स के मूल्यांकन के लिए बिठाया गया था. जिन स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स मिले हैं उनकी परीक्षा 23 जून को आयोजित की जाएगी. नतीजे 30 जून को आने हैं. 


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