(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
NEET Counselling 2021: क्यों अटकी है नीट काउसलिंग? कौन से राज्य हैं सबसे ज्यादा प्रभावित और किसने शुरू कर दी काउंसलिंग प्रक्रिया, जानें
NEET Counselling 2021: नीट काउंसलिंग 2021 में हो रही देरी से जहां कुछ राज्य बहुत ज्यादा प्रभावित हैं, वहीं कुछ ने काउंसलिंग शुरू कर दी है. जानें क्या है ताजा अपडेट.
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को नीट परीक्षा का परिणाम घोषित किए काफी समय हो गया है लेकिन अभी तक नीट काउंसलिंग शुरू नहीं हो पाई है. अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट दोनों ही क्लासेस की नीट काउंसलिंग रुकी हुई है. इसके पीछे के कई अहम कारणों में से एक कारण है सुप्रीम कोर्ट में चल रही हियरिंग जिसके फैसले का इंतजार हर किसी को है. ऑल इंडिया कोटा मेडिकल सीट्स पर ओबीसी को 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस कैंडिडेट्स को 10 फीसदी आरक्षण देने की केंद्र और मेडिकल काउंसलिंग कमेटी के नोटिफिकेशन के खिलाफ दायर याचिका इस देरी का एक कारण हो सकता है.
सुप्रीम कोर्ट की अगली हियरिंग में मिल सकता है जवाब –
सेंटर और मेडिकल काउंसिल कमेटी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस की सुनवाई चल रही है. इसकी अगली हियरिंग 06 जनवरी 2022 को होनी है. कमेटी को उम्मीद है कि वहां से जवाब आने के बाद काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई में इन सीटों को बढ़ाने की बात कही थी. ये नियम उन सीटों पर लागू होता है जो सेंटर पूल के अंतर्गत आती हैं. हालांकि कमेटी ने काउंसलिंग डिले होने के पीछे साफतौर पर ये कारण नहीं बताया है पर मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ये भी वजह हो सकती है.
इतनी सीटों पर करती है कमेटी फैसला –
हर राज्य की 85 प्रतिशत सीटों पर वहां की सरकार द्वारा ही काउंसलिंग होती है जबकि 15 प्रतिशत सीटों का अधिकार सेंटर या मेडिकल काउंसिल कमेटी के पास रहता है. ऐसे में इन सीटों के बारे में कोई फैसला नहीं आ पा रहा. इससे जहां कुछ राज्यों ने काउंसलिंग पूरी तरह रोक रखी है तो कुछ ने अपने अधिकार क्षेत्र वाली सीटों पर काउंसलिंग शुरू कर दी है.
किस राज्य का क्या है हाल –
ऐसे में बहुत से राज्यों ने काउंसलिंग शुरू कर दी है तो बहुत से अभी भी केस के जवाब के इंतजार में हैं. जिन राज्यों में काउंसलिंग शुरू हो गई है, वे हैं – तमिलनाडु, गुजरात, असम, कर्नाटक, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश. ऐसे में बिहार, दिल्ली, यूपी, उत्तराखंड जैसे कुछ राज्य अभी भी फैसले के इंतजार में हैं जिससे एडमिशन में देरी हो रही है. इससे एमबीबीएस छात्रों को अपना कोर्स फिर से कम करना पड़ सकता है.
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