New Delhi: गोविंदपुरी के इस पार्क में बन रहे मोहल्ला क्लीनिक का स्थानीय लोग कर रहे हैं विरोध, जानिए क्या है पूरा मामला
दक्षिणी दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके के एक पार्क में दिल्ली सरकार द्वारा बनाए जा रहे मोहल्ला क्लीनिक को लेकर स्थानीय लोग विरोध कर रहें हैं. उनका कहना है कि दिल्ली सरकार पार्क का अतिक्रमण कर रही है.
New Delhi: दक्षिणी दिल्ली (South Delhi) के गोविंदपुरी (Govindpuri) इलाके के एक पार्क (park) में बनाए जा रहे मोहल्ला क्लीनिक (Mohalla Clinic) को लेकर स्थानीय लोग अपना विरोध (Oppose) जता रहे हैं. लोगों का कहना है कि जो पार्क लोगों के बैठने उठने और टहलने के लिए है उस पार्क में अतिक्रमण कर दिल्ली सरकार (Delhi Government) मोहल्ला क्लीनिक बनवा रही है जिसको लेकर स्थानीय निवासी कैलाश गुप्ता ने दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) में इसके खिलाफ याचिका (petition) दायर की है. जिसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले पर सुनवाई (hearing) करते हुए दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है.
विधायक ने नहीं की कोई मदद
दरअसल याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि गोविंदपुरी इलाके में यह पार्क कई साल पुराना है जोकि बुजुर्गों के लिए बना हुआ है और गोविंदपुरी जैसे भीड़-भाड़ इलाके में यह छोटा सा पार्क है जहां पर अब दिल्ली सरकार अतिक्रमण कर उसमें मोहल्ला क्लीनिक बना रही है. वहीं स्थानीय लोगों ने एबीपी न्यूज को बताया कि पार्क में मोहल्ला क्लीनिक बनने के बाद ना केवल गुरु रविदास मार्ग पर ट्रैफिक की समस्या आएगी, बल्कि स्थानीय लोगों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा और तो और रिहायशी इलाकों में जो कुछ पार्क बचे हैं उनमें भी अतिक्रमण कर उन्हें खत्म किया जा रहा है. स्थानीय लोगों ने कहा कि वह इस समस्या को लेकर स्थानीय विधायक के पास भी पहुंचे थे लेकिन उनकी कोई मदद नहीं की गई.
कोर्ट के आदेश के बाद बनाया गया था पार्क
लोगों ने बताया कि 2011 में कोर्ट के ही ऑर्डर के बाद गोविंदपुरी कि इस जगह को पार्क के रूप में तब्दील किया गया था लेकिन अब इसमें अतिक्रमण किया जा रहा है और इसको लेकर जब अधिकारियों को बताया गया तो उन्होंने इलाके के एसएचओ से पुलिस सुरक्षा मांगी और पार्क में मोहल्ला क्लीनिक का निर्माण शुरू करवा दिया, स्थानीय लोगों के विरोध के बाद भी पार्क में मोहल्ला क्लीनिक का निर्माण कार्य कराया जा रहा था, जिसके बाद हाईकोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दी गई और फिर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 17 फरवरी को निर्माण कार्य पर रोक लगाते हुए दिल्ली सरकार से इस पूरे मामले पर स्टेटस रिपोर्ट तलब करने को कहा है.
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