Delhi News: दिल्ली में रविवार सुबह से ही नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सियासी ड्रामा जारी है. सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और विरोधी दलों के नेताओं के बीच जारी सियासी घमासान अभी तक थमा नहीं है. विरोधी दलों के नेता हद से पार जाकर पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी और केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं. इस बीच राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने बीजेपी को नसीहत देते हुए सेंगोल (Sengol) का असली मतलब समझाने का प्रयास किया है. उन्होंने ट्वीट कर बीजेपी नेताओं से साफ कर दिया है कि सेंगोल का मतलब वह नहीं है जो आप समझ रहे हैं. हकीकत यह है कि इसे आप जान बूझकर समझना नहीं चाह रहे हैं.
कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर क्या कहा?
पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने नए संसद भवन का उद्घाटन करने के बाद अपने ट्वीट में लिखा है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता सेंगोल को अंग्रेजों से सत्ता हस्तांतरण का पर्याय मानते हैं. जबकि ऐसा नहीं है. उन्होंने कहा है कि हो सके तो आप मेरी बात मान लेना. भारत में उन लोगों की इच्छा के माध्यम से सत्ता का हस्तांतरण हुआ जिन्होंने खुद को यह संविधान दिया. देवी मीनाक्षी द्वारा मदुरै के राजा को भेंट किया गया सेंगोल शासन करने के दैवीय अधिकार का प्रतीक है.
3 दिन पहले सिब्ब्ल ने की थी अपील
तीन दिन पहले भी पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने अपने ट्वीट में लिखा था कि संसद हमारे गणतंत्र का प्रतीक है. राष्ट्रपति गणतंत्र का प्रमुख होता है. इस औपचारिक आयोजन में राष्ट्रपति की अनुपस्थिति हमारे गणतंत्र के लोकाचार का अपमान करने के समान होगा. उन्होंने केंद्र से सवालिया लहजे में पूछा था कि क्या सरकार को इस बात की परवाह है! दरअसल, कपिल सिब्बल ने तीन पहले पहले इस मसले पर सवाल उठाए थे. आज उन्होंने सेंगोल का मतलब समझाकर बीजेपी को नसीहत देने की कोशिश की है. साथ ही इस बात के संकेत भी दिए हैं कि आप जो सेंगोल का मतलब समझाना चाह रहे हैं, हम उसे स्वीकार नहीं कर सकते. बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने आज सुबह नए संसद भवन देश को समर्पित कर दिया. हालांकि, इसको लेकर राजनीति जारी है.
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