Covid Restrictions: कोरोना को लेकर नई पाबंदी: क्या बैन है क्या खुला है- आपके जेहन में उठने वाले हर सवाल का जवाब जानिए
DDMA Restrictions: दिल्ली आपदा प्रबंधन विभाग ने अब नए वेरिएंट को देखते हुए कुछ पाबंदियां लगाई है. आप भी इन्हें जान लें अन्यथा नियमों की अनदेखी भारी पड़ेगी.
Delhi Corona Guideline: पूरे देश के साथ ही दिल्ली में भी कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर डर अब हर दिन बढ़ते जा रहा है. दिल्ली का आपदा प्रबंधन विभाग ने इसको लेकर काफी सख्त नजर आ रहा है. इसके लिए विभाग ने कोरोना की गाइडलाइन के अंतर्गत कुछ और प्रतिबंध लगाए हैं. ऐसे में लोगों के लिए ये जाना जरुरी हो जाता है कि वे कहां जा सकते हैं, कितने लोगों को जाने की अनुमति है. हम आपको विभाग के इस निर्णय से अपडेट करते हुए हर नई गाइडलाइन के बारे में बता रहे हैं.
इन बातों का रखें ध्यान
-लोगों को घर पर न्यू ईयर और क्रिसमस पार्टी करने की छूट है
-होटलों में न्यू ईयर और क्रिसमस पार्टी के दौरान अपनी क्षमता के 50 फीसदी ही उपयोग करने की अनुमति होगी
-रेस्टोरेंट और बार में भी अपनी 50 फीसदी लोगों की क्षमता के साथ ही चलेंगे, जहां पर लोगों को मास्क पहनने और आपस में दूरी बनाए रखने का ध्यान रखना होगा
-लोगों को शॉपिंग मॉल, सीनेमा हाल, थीयेटर, जीम और रेस्टोरेंट जाने की अनुमति होगी लेकिन उन्हें मास्क पहनने और आपस में दूरी बनाए रखने का ध्यान रखना होगा
-लोगों को मंदिर या मस्जिद में जाने की अनुमति होगी लेकिन इस दौरान उन्हें मास्क पहनने और आपस में दूरी बनाए रखने का ध्यान रखना होगा
-वेडिंग का आयोजन करने और उसमें जाने के लिए दो सौ लोगों को ही छुट होगी
-अंतिम संस्कार के दौरान भी दो सौ लोगों को ही शामिल होने की छुट होगी
-म्युजियम और पब्लिक प्लेस पर जाने के दौरान मास्का पहनना और आपस में दूरी बनाए रखना अनिवार्य होगा
-मेट्रो में पहले से सौ फीसदी के साथ चल रही है और पूर्व के नियमों के मुताबिक ही चलते रहेगी
-खेल से संबंधित आयोजन बंद नहीं होंगे लेकिन उसमें दर्शकों को जाने की अनुमति नहीं होगी
नियमों की अनदेखी पड़ेगी भारी
वहीं अगर कोई नियमों को तोड़ते या उल्लंघन करते पकड़ा जाता है तो उसे दिल्ली आपदा प्रबंधन के आईपीसी की धारा 188 के सेक्सन 51 और 60 के तहत जुर्माना देना होगा. जिसमें अलग-अलग तरह के उल्लंघन पर अलग अलग जुर्माना का प्रावधान है. आयोजकों को इन सभी नियमों का ध्यान रखना होगा. वहीं सभी जिले के कलेक्टरों को रोज इससे संबंधित रिपोर्ट देनी होगी. जबकि जिला प्रशासन और पुलिस को जांच एवं नियमों को पालन कराने संबंधित अधिकार दिए गए हैं.