GTB Hospital Firing News: दिल्ली के गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल में रविवार को फायरिंग में मारे गए मरीज रियाजुद्दीन के मामले में नया अब नया मोड़ आ गया है. दिल्ली पुलिस की शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि इस मामले में हमलावार की गलती से निर्दोष मरीज की हत्या हो गई. हमलावार जिस अपराधी को मारने अस्पताल पहुंचा था, उसे एक दिन पहले दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था.
दिल्ली पुलिस ने अभी तक की जांच के आधार पर कहा कि जीटीबी अस्पताल के वार्ड में मरीज रियाजुद्दीन की हत्या गलत पहचान का मामला हो सकता है. क्योंकि घटना के एक दिन पहले ही एक अपराधी को उसी वार्ड से शिफ्ट किया गया था, जिसमें मृतक का इलाज चल रहा था. यही वजह है कि मृतक के परिवार के सदस्यों ने भी दावा किया है कि अपराधी ही हमलावर का मूल लक्ष्य था.
अधिकारियों ने कहा कि रियाजुद्दीन (32) की हत्या की जांच के लिए कई पुलिस टीमें बनाई गई हैं. जीटीबी एन्क्लेव थाने के एसएचओ के नेतृत्व वाली एक टीम और आसपास के पुलिस स्टेशनों के कर्मियों की एक टीम मामले की जांच कर रही है. टीमें सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है. ताकि पता चल सके कि कितने लोग शामिल थे, कितने लोग अस्पताल में दाखिल हुए. उन्होंने किस वाहन का इस्तेमाल किया, वाहन का पता और अपराध के बाद वे कहां भागे.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हम सभी एंगल से इस मामले की जांच कर रहे हैं. अधिकारी ने कहा कि पुलिस जल्द ही आरोपियों को पकड़ लेगी. पुलिस के अनुसार पीड़ित, जो दंत चिकित्सक बताया जा रहा है को 23 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसका पेट में संक्रमण का इलाज चल रहा था.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि हत्या गलत पहचान का मामला हो सकता है. ऐसा इसलिए कि वेलकम इलाके के एक अपराधी का भी वार्ड नंबर 24 में इलाज चल रहा था, जिसमें रियाजुद्दीन का भर्ती था. लेकिन घटना से एक दिन पहले उसे दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था.
पुलिस ने खजूरी खास इलाके के निवासी रियाजुद्दीन के रिकॉर्ड की जांच की है. उसके खिलाफ कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं पाई गई है. अब आरोपी की गिरफ्तारी के बाद ही इसकी पुष्टि हो सकती है.
'भ्रम के कारण मेरे भाई की चली गई जान'
पीड़ित के चचेरे भाई शोएब ने बताया, "नर्स ने हमें बताया कि एक युवक ने हमारे भाई पर गोली चलाई. गोली उस समय चलाई जब उसकी पट्टियां बदली जा रही थीं. बगल के कमरे में एक और मरीज पर एक दिन पहले हमला हुआ था. उसकी पत्नी ने सुरक्षा की मांग की थी, क्योंकि उन्हें पता चला था कि दूसरा हमला होने वाला है, लेकिन उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई. इसलिए, वे किसी और को मारने आए थे. साफ है कि मेरे भाई ने भ्रम के कारण अपनी जान गंवा दी. मेरा भाई निर्दोष था, उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था. वह मानसिक रूप से परेशान था."
बता दें कि 32 वर्षीय रियाजुद्दीन को जीटीबी अस्पताल के एक वार्ड के अंदर एक किशोर ने गोली मार दी. पीड़ित को 23 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसका पेट में संक्रमण का इलाज चल रहा था.