दिल्ली (Delhi) की केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) ने केंद्र से निर्भया फंड के तहत 11.3 करोड़ रुपये जारी करने को कहा है, ताकि यहां 1,000 से अधिक डार्क स्पॉट की पहचान कर उन्हें रोशन किया जा सके.


अधिकारियों ने बताया कि पिछले सप्ताह महिला सुरक्षा पर सरकारी टास्क फोर्स की एक उच्च स्तरीय बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी. बैठक की अध्यक्षता उपराज्यपाल अनिल बैजल (Anil Baijal) ने की थी.


गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 2013 में निर्भया फंड की स्थापना की थी, जिसके तहत महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सालाना 1,000 करोड़ रुपये का आवंटन होता है.


सूत्रों के मुताबिक अब तक फंड का उपयोग बहुत कम रहा है, केवल कुछ ही राज्य महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने पर पैसा खर्च कर रहे हैं. अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली सरकार ने पहले सीसीटीवी कैमरे लगाने, जीपीएस और पैनिक अलार्म का प्रावधान करने के लिए निर्भया फंड के वितरण की मांग की थी. हालांकि सूत्रों ने दावा किया कि केंद्र ने इसके लिए राशि देने से इनकार कर दिया था.


राशि के लिए गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव से की गई बात


दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ने जल्द से जल्द राशि स्वीकृत करने के लिए गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव से बात की है. उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने डार्क स्पॉट को रोशन करने और स्ट्रीट लाइट के कामकाज की निगरानी को लेकर एक पोर्टल विकसित करने के लिए दो बार केंद्र को 11.3 करोड़ रुपये के आवंटन के संबंध में लिखा है. फिलहाल यह अनुरोध गृह मंत्रालय के विचाराधीन है.


SafetiPin ने किया था सर्वेक्षण


अधिकारियों के अनुसार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक गैर सरकारी संगठन SafetiPin ने सड़कों पर कमियों का पता लगाने के लिए एक सर्वेक्षण किया था और राजधानी भर में 40,000 डार्क स्पॉट के साथ 421 हिस्सों की पहचान की थी. एनजीओ द्वारा पहचाने गए अधिकांश स्थानों को रोशन कर दिया गया है, उत्तरी डीएमसी और दक्षिण डीएमसी के अधिकार क्षेत्र में आने वाली कुछ जगहों को राशि की कमी के कारण छोड़ दिया गया था.


उत्तरी डीएमसी में अभी बचे हैं 923 डार्क स्पॉट 


नागरिक निकाय के एक अधिकारी ने बताया कि उत्तरी डीएमसी में शेष बचे 923 और दक्षिण डीएमसी के 483 डार्क स्पॉट को रोशन करने के लिए एक परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है. यदि केंद्र से धन मिलता है, तो उन स्थानों को तुरंत रोशन कर दिया जाएगा. इस बीच दिल्ली सरकार के प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा विभाग ने स्ट्रीट लाइट के कामकाज की निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत एप्लिकेशन के डेवलपमेंट के लिए आईआईआईटी-दिल्ली को 11.1 लाख रुपये प्रदान किए हैं.


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