Delhi News: क्या आप किसी शानदार सुविधाओं वाले होटल के बिना छत और दीवारों के होने की कल्पना कर सकते हैं, जिसके पूरी तरह से खुले होने के बाद भी लोग मोटी रकम खर्च कर उस होटल में रहने जाते हों? आपका जवाब शायद ना ही होगा! लेकिन ऐसा एक होटल स्विट्जरलैंड का 'null Stern's जो बिना छत और दीवारों के है, और वो भी हरे-भरे पहाड़ों के बीच. जहां लोग प्रकृति के बीच रहने और उससे जुड़ाव महसूस करने के लिए मोटी रकम खर्च कर रहने जाते हैं.
इसी की तर्ज पर राजधानी दिल्ली के यमुना नदी पर एक अनूठा म्यूजियम बनने जा रहा है.जो बिना छत और दीवारों के होगी. जो लोगों को यमुना के बारे में जानकारी के साथ प्रकृति से जुड़ाव का भी एहसास कराएगा.
साबरमती की तर्ज पर बनाया जा रहा रिवर फ्रंट
पूरी तरह से प्राकृतिक स्वरूप में बनने वाला यह देश का पहला ऐसा म्यूजियम होगा, जो यमुना से सीधा साक्षात्कार कराएगा. साबरमती की तर्ज पर राजधानी में भी एक रिवरफ्रंट बनाने की दिशा में एलजी वीके सक्सेना के दिशा-निर्देश पर डीडीए ने इस ओपन म्यूजियम का प्रस्ताव तैयार किया है. म्यूजियम का नाम 'इंट्रोडक्शन टू यमुना इन फार्म आफ यमुना', यानी 'यमुना का परिचय यमुना के ही रूप में होगा. अब इस प्रस्ताव को डीडीए की स्क्रीनिंग कमेटी से स्वीकृति का इंतजार है. स्वीकृति मिलते ही योजना पर काम शुरू हो जाएगा.
प्राकृतिक स्वरूप में बनाया जाएगा ये म्यूजियम
दरअसल, दिल्ली सरकार ने मिलेनियम डिपो की लगभग 60 एकड़ जमीन को दो महीने पहले डीडीए को वापस हस्तांतरित किया है, क्योंकि बाढ़ग्रस्त इलाका होने की वजह से यहां पर निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है. इसीलिए यहां ऐसे म्यूजियम का प्रस्ताव बनाया गया है, जिसका स्वरूप प्राकृतिक हो. यानी, यहां स्कल्पचर, पेंटिंग्स और उद्यान विभाग की कला का प्रदर्शन अधिक होगा.
यमुना को तीन अवस्थाओं में किया जाएगा प्रदर्शित
डीडीए द्वारा तैयार प्रस्ताव के मुताबिक एक तो यहां दिल्ली के कुल 22 किलोमीटर लंबे यमुना स्ट्रेच को जीवन की तीन अवस्थाओं के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा- बालपन, युवावस्था और वृद्धावस्था. इसके अलावा यह म्यूजियम तीन हिस्सों में बंटा होगा. पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन वाला क्षेत्र, घना वन क्षेत्र और पिकनिक मनाने वाला सामान्य पार्क साथ ही साथ नदी के बिल्कुल किनारे वाला क्षेत्र भी प्रदर्शित किया जाएगा.
साल भर में बन कर हो जाएगा तैयार
डीडीए अधिकारियों के मुताबिक इस म्यूजियम को तैयार करने में आने वाला खर्च केंद्र सरकार के शहरी विकास फंड से दिया जाएगा. अगले कुछ दिनों में इसके लिए स्क्रीनिंग कमेटी से हरी झंडी मिल जाने की उम्मीद है, जिसके बाद काम इसके काम की शुरूआत की जाएगी. जिसके शुरुआत के बाद एक साल में म्यूजियम बन कर तैयार हो जाएगा.
यमुना के गौरवशाली इतिहास को जानने का मिलेगा मौका
यह ओपन म्यूजियम अपने-आप मे काफी अनोखा प्रोजेक्ट है, जो संभवत: देशभर में अपनी तरह का पहला होगा. इस प्रोजेक्ट से जहां यमुना और इसके बाढ़ग्रस्त क्षेत्र को बेहतर बनाया जा सकेगा, वहीं इससे यमुना के गौरवशाली इतिहास को लोगों खास तौर पर युवाओं को जानने का मौका मिलेगा और शायद तब वो यमुना के संरक्षण की अहमियत को समझते हुए उसमें अपना योगदान भी कर सकेंगे.