NCR में किराए का मकान लेने में ढीली हो रहीं जेबें, नोएडा में 30 प्रतिशत तक बढ़ गया किराया
Rental Price Hike in NCR: नोएडा और गुरुग्राम में किराए का मकान लेकर रह रहे लोगों को 2020 से पहले की तुलना में अब ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ रहा है. यहां किराए में 24 से 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
Delhi-NCR Rent Price Hike: देश के 13 बड़े शहरों में किराए पर मकान लेना काफी महंगा हो गया है. खासकर ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) और गुरुग्राम (Gurugram) में तो किराया आसमान छू रहा है. 13 शहरों में सबसे ज्यादा वृद्धि ग्रेटर नोएडा में हुई है जहां किराया 32.1 प्रतिशत तक बढ़ गया है. वहीं, गुरुग्राम की बात करें तो यहां अब मकान किराए पर लेने के लिए 24.5 प्रतिशत अधिक रेंट भरना पड़ रहा है.
गुरुग्राम और ग्रेटर नोएडा एनसीआर के वे हिस्से हैं जहां इंजीनियर और कॉपोरेट में काम करने वाले लोग अपना आशियाना ढूंढते हैं. य़हां जनवरी से मार्च के बीच में किराए में 2.8 प्रतिशत की वृद्धि हो गई है. जबकि अक्टूबर से दिसंबर 2023 की तिमाही में किराए में 1.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. मैजिक ब्रिक्स की रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है जिसमें दो करोड़ से अधिक लोगों की डिमांड और वरीयता का अध्ययन किया गया है.
42 प्रतिशत लोग इस कैटिगरी में कर रहे डिमांड
रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है कि सबसे ज्यादा डिमांड 10 हजार से लेकर 30 हजार प्रति महीने वाले मकान या फ्लैट की है. जो कि कुल मांग का 42 प्रतिशत है. ऐसा बताया जा रहा है कि 2020 से पहले भारत में आवासीय मकान के किराए में औसत वृद्धि तीन प्रतिशत थी लेकिन 2022 के बाद ऑफिस के दोबारा खुलने से मकान के किराए में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है जिससे मकान मालिकों की आय में वृद्धि हुई है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि आने वाले कुछ महीनों में किराए में वृद्धि की संभावना है. विशेषकर साल के पहली दो तिमाही में वृद्धि होगी. नोएडा और गुरुग्राम जैसे एनसीआर के आईटी हब में मकान के किराए में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.
ऑफिस दोबारा खुलने से बढ़ी मांग
दरअसल, कोरोना महामारी के वक्त दो से तीन साल तक लोगों ने वर्क फ्रॉम होम किया. 2023 से वर्क फ्रॉम होम करने की जगह दफ्तर खुलने लगे और कर्मचारी ऑफिस आने लगे जिस वजह से लोगों को बड़े शहरों में फिर से मकान किराए पर लेने की जरूरत महसूस हुई. इस मांग के कारण ही किराए में वृद्धि हुई है. चूंकि किराया लगातार बढ़ रहा है तो मकान मालिक और किराएदार दोनों को ही रेंटल मार्केट में हो रहे बदलाव को स्वीकार करना पड़ेगा.
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