Twin Tower Demolition: ट्विन टावर गिरने के बाद अब डेमोलिशन साइट पर शुरू हुआ ये जरूरी काम, पढ़ें अपडेट
Noida Supertech Twin Towers: नोएडा के ट्विन टावर के गिरने से जमा हुए मलबे में से करीब 30,000 टन मलबे को हटाने का प्रोसेस रविवार को शुरू हो चुका है. इसके लिए 23 टन भार ढोने वाले आठ ट्रक लगाए गए है.
Twin Tower Demolition: नोएडा (Noida) में सुपरटेक ट्विन टावर (Supertech Twin Tower) को कोर्ट के आदेश पर 28 अगस्त को धवस्त कर दिया गया है. वहीं इन दोनों टावरों के गिरने से जमा हुए मलबे से करीब 30,000 टन मलबे को हटाने का प्रोसेस रविवार को शुरू हो चुका है. जिसमें आठ ट्रक नोएडा सेक्टर 93 ए में साइट से लगभग 180 टन मलबा ले जा रहे है. वहीं एडिफिस इंजीनियरिंग जो दोनों टावरों के विध्वंस में भी शामिल थे, उन्होंने कहा कि उन्हें अगले तीन महीनों में मलबे के ढेर को हटाए जाने की उम्मीद है.
मलबा हटाने के लिए आठ ट्रक लगाए गए
बता दें कि दोनों टावरों को तोड़े जाने के बाद कुल 80,000 टन मलबा जमा हुआ था. जिसमें से 30,000 टन मलबा और 4,000 टन लोहा और इस्पात साइट से हटा दिया जाएगा. बाकी को जमीन को समतल करने के लिए वहीं छोड़ दिया जाएगा. वहीं एडिफिस इंजीनियरिंग के पीप्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता ने बताया कि, इस प्रक्रिया में 23 टन भार ढोने वाले लगभग आठ ट्रकों को लगाया गया है. इसलिए, 180 टन से अधिक मलबे को छोटे छर्रों में तोड़ दिया गया था, जो साइट से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नोएडा सेक्टर-80 में बने नोएडा अथॉरिटी के वेस्ट प्लांट पर भेजा जा रहा है.
ध्वनि और धूल प्रदूषण का रखा जा रहा ख्याल
धूल और ध्वनि प्रदूषण के मामले में उन्होंने कहा कि, इसमें चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि साइट पर चार स्प्रिंकलर हैं और जल्द ही तीन और लगा दिए जाएंगे. साथ ही मलबे पर पानी का मैनुअल छिड़काव भी किया जा रहा है.वहीं सीबीआरआई की शीर्ष अदालत द्वारा विध्वंस प्रक्रिया की निगरानी के लिए नियुक्त विशेषज्ञ एजेंसी ने सुझाव दिया था कि स्थल पर शोर के स्तर की जांच की जानी चाहिए और अगर जरूरी हो तो मशीनों की संख्या कम की जानी चाहिए.
वहीं मानकों के अनुसार, औद्योगिक क्षेत्रों में दिन के वक्त ध्वनि सीमा 75 डेसिबल है, जबकि कमर्शियल एरिया में ये 65 डीबी, आवासीय क्षेत्रों में 55 डीबी और मौन क्षेत्रों में 50 डीबी है. हालांकि, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि शहर में बढ़ते यातायात के कारण ज्यादातर आवासीय क्षेत्रों में आमतौर पर नोएडा में शोर का स्तर 60 डीबी से अधिक होता है.
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