Noida Twin Tower Demolition: 21 की जगह 28 अगस्त से शुरू होगी ट्विन टावर गिराने की प्रक्रिया, कल से लगेंगे विस्फोटक
नोएडा सेक्टर 93ए में बने सुपरटेक ट्विन टावर गिराने की तारीख को हफ्ते भर बढ़ा दिया गया है. अब 28 अगस्त से गिराने की प्रक्रिया शुरू होगी. आज रात ही विस्फोटक मंगवाने के लिए एस्कॉर्ट को पलवल भेजा जाएगा.
Noida Supertech Twin Tower: नोएडा सेक्टर 93ए में बने सुपरटेक ट्विन टावर गिराने की तारीख को हफ्ते भर बढ़ा दिया गया है. पहले ट्विन टावर 21 अगस्त को गिराया जाना था लेकिन अब 28 अगस्त से गिराने की प्रक्रिया शुरू होगी. नोएडा प्राधिकरण का कहना है कि टावर गिराने वाली एजेंसी को पुलिस और सीबीआरआई से एनओसी मिल चुकी है. अब कल से दोनों टावर में विस्फोटक लगाना शुरू हो जाएगा. आज की रात से ही विस्फोटक मंगवाने के लिए एस्कॉर्ट को पलवल भेजा जाएगा. सुबह 7 बजे से विस्फोटक लगाने का काम शुरू होगा और शाम 6 बजे तक चलेगा.
ट्विन टावर में कुछ घंटों बाद लगेंगे विस्फोटक
विस्फोटक लगने का काम पूरा होने तक रोजाना पलवल से दो वाहनों में विस्फोटक लाया जाएगा. एक दिन में विस्फोटक को इस्तेमाल करने के बाद बचे हुए को वापस पलवल भेज दिया जाएगा.13 अगस्त से ट्विन टावर के आसपास सुरक्षा घेरा भी बढ़ा दिया जाएगा. साथ ही आस पास किसी को जाने की इजाजत नहीं होगी. मालूम हो कि टावर गिराने वाली एजेंसी एडिफिस इंजीनियरिंग ने 31 जुलाई तक टावर में विस्फोटक लगाने की तैयारी पूरी कर ली थी लेकिन विस्फोटक लगाने के लिए एनओसी नहीं मिलने की वजह से देरी हुई. एजेंसी ने योजना बनाई थी कि 2 अगस्त से 20 अगस्त तक टावर में विस्फोटक लगाया जाएगा. दोनों टावरों में 10 हजार सुराख कर लिया गया है. सुराखों में 3700 किलो विस्फोटक भरा जाना था. अब विस्फोटक लगने का काम कल यानी 13 अगस्त सुबह 7 बजे से शुरू होकर शाम 6 बजे तक चलेगा.
एजेंसी को एनओसी नहीं मिलने के कारण देरी
ट्विन टावर को ध्वस्त करने के लिए 2 अगस्त से विस्फोटक लगाया जाना था लेकिन बिना एनओसी के एजेंसी ट्विन टावर में विस्फोटक नहीं लगा सकती थी. प्राधिकरण अधिकारी इश्तियाक अहमद ने बताया कि नोएडा का रीजनल एक्सप्लोसिव कंट्रोलर का हेड ऑफिस आगरा में है. ट्वीन टावर की एनओसी के लिए फाइनल रिपोर्ट नागपुर चीफ एक्सप्लोसिव कंट्रोलर तक भेजा जाना था. देरी होने के बाद नोएडा पुलिस ने एनओसी देने में वक्त लगाया. नोएडा पुलिस से एनओसी मिलने के बाद भी विस्फोटक नहीं लगाया जा सका क्योंकि सीबीआरआई की एनओसी लेना भी जरूरी था. सीबीआरआई ने ट्विन टावर के बिल्डर और एडिफिस इंजीनियरिंग कंपनी पर आरोप लगाया है कि सवालों के जवाब की रिपोर्ट नहीं दी जा रही है. 6 अगस्त को सीबीआरआई, नोएडा प्राधिकरण और एडिफिस इंजीनियरिंग की बैठक के बाद कंपनी को एनओसी दे दी गई.