Noida Cyber Fraud Case: दिल्ली से सटे नोएडा में रिटायर्ड मेजर जनरल को डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने वाले तीन साइबर ठगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों की पहचान कानाराम, ललित कुमार और सचिन कुमार के रूप में हुई है. तीनों साइबर ठग जयपुर और अलवर के रहने वाले हैं. पुलिस ने आरोपियों के बैंक खातों को फ्रीज करवा दिया है. एडिशनल डीसीपी साइबर क्राइम प्रीति यादव ने बताया कि सेना से रिटायर होने के बाद मेजर जनरल सेक्टर-31 में रहते हैं. उन्होंने 27 अगस्त को डिजिटल अरेस्ट कर ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.


रिपोर्ट के मुताबिक साइबर ठगों ने रिटायर्ड मेजर जनरल को दो करोड़ का चूना लगाया था. पीड़ित को विदेश भेजे जा रहे पार्सल में ड्रग्स होने की जानकारी दी. कॉलर ने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताया. फर्जी सीबीआई के अधिकारी ने गिरफ्तारी का डर दिखाया. मामले को रफा दफा करने के लिए मेजर जनरल से रकम की मांग की गयी. डिजिटल अरेस्ट का शिकार बन चुके मेजर जनरल की मांग पर साइबर ठगों ने खाते उपलब्ध करवाये. उन्होंने बैंक खातों में करीब दो करोड़ की रकम को ट्रांसफर कर दिया.


रिटायर्ड मेजर जनरल डिजिटल अरेस्ट


पीड़ित की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर पुलिस ने तफ्तीश शुरू की. बैंक खातों की जांच में पुलिस को चौंकाने वाला खुलासा हुआ. मालूम चला कि जयपुर का गिरोह छात्रों और कर्मचारियों के खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर करवाता है. बदले में खाताधारकों को कमीशन दिया जाता है. साइब ठगों की की गिरफ्तारी के लिए टीम का गठन किया गया. पुलिस की टीम ने राजस्थान से कानाराम, ललित कुमार और सचिन कुमार को दबोच लिया. पुलिस के मुताबिक साइबर ठग गिरोह का सरगना राजकुमार है.


साइबर ठगों ने लगाया दो करोड़ का चूना


राजकुमार भी मुम्बई पुलिस की गिरफ्त में दो अक्टूबर को आ गया है. तीन जालसाजों से पूछताछ में पुलिस को अहम जानकारियां मिली हैं. साइबर ठग गिरोह के तार चीन, वियतनाम, संयुक्त अरब अमीरात और सिगापुर से जुड़े हैं. सरगना के निर्देश पर भारत में डिजिटल अरेस्ट कर लोगों से ठगी की जा रही है. ठगी की रकम सीकर, जयपुर और अलवर निवासियों के खातों में ट्रांसफर कराई जा रही है. बाद में रकम को खाते से निकालकर क्रिप्टो और गिफ्ट कार्ड के जरिये विदेशी आकाओं तक पहुंचाया जाता है.


पुलिस के मुताबिक गिरोह को उपलब्ध कराए खातों की 76 शिकायतें एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज हैं. साइबर ठगी की शिकायत  www.cybercrime.gov.in पर दें. हेल्पलाइन नंबर 1930 पर भी कॉल किया जा सकता है. वारदात के एक घंटे में पुलिस को सूचित करने पर ज्यादा संभावना है कि आपकी रकम बैंक अफसरों से संपर्क कर फ्रीज करा दी जाएगी.


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