उत्तर प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने जून महीने की रिपोर्ट में नोएडा को लेकर बड़ी बात कही है. नोएडा शहर में साइलेंट जोन यानी वह जगह जिन्हें शात माना जाता है, वहां रात के वक्त सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण हो रहा है. इसका खुलासा यूपीपीसीबी की रिपोर्ट में किया गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण गाड़ियों की वजह से होता है. अगर यूपीपीसीबी के मानकों को देखा जाए तो साइलेंट जोन में रात के वक्त 40 डेसीबल को सामान्य और दिन में 50 डेसीबल को सामान्य माना गया है.
Noida Noise Pollution: एक ओर जहां यूपीपीसीबी ने साइलेंट जोन में 40 डेसीबल को सामान्य माना है. वहीं शहर में साइलेंट जोन में रात के वक्त भी लगभग 70 से 72 डेसिबल दर्ज किया जा रहा है. नोएडा सेक्टर 62 में फोर्टिस अस्पताल के पास और नोएडा सेक्टर 19 में मैक्स अस्पताल के पास जो जगह है उसको साइलेंट जोन माना गया है. लेकिन इन दोनों जगहों के आसपास मेट्रो स्टेशन, ट्रैफिक कट और मार्केट होने की वजह से सामान्य से बहुत ज्यादा शोर दर्ज किया गया है. औद्योगिक क्षेत्र की बात की जाए तो वहां पर शोर पहले जैसा ही सामान्य बना हुआ है. यूपीपीसीबी के मुताबिक, ध्वनि प्रदूषण की मुख्य वजह वाहन होते हैं इसके लिए वक्त वक्त पर ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ विभाग के साथ मिलकर कार्रवाई भी की जाती है.
यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी प्रवीण कुमार बताते हैं कि बोर्ड ने शहर को चार जोन में बांटा हुआ है. एक जोन व्यवसायिक है, दूसरा रियायशी, तीसरा साइलेंट जोन और चौथा औद्योगिक से बनाया गया है. दो महीने के बाद जून की रिपोर्ट को पेश किया गया. उन्होंने बताया कि सेक्टर 19 और 62 में हॉस्पिटल होने की वजह से इसे साइलेंट जोन माना गया है. लेकिन आसपास रिहायशी इलाके होने की वजह से यहां पर ध्वनि का डेसीबल सामान्य से बहुत ज्यादा दर्ज किया जाता है. इसको लेकर लगातार ट्रैफिक विभाग और आरटीओ विभाग कार्रवाई भी कर रहा है लेकिन अभी भी स्थिति सामान्य नहीं हुई है.
यूपीपीसीबी ने जून में जारी की रिपोर्ट
अगर तय मानकों की बात की जाए तो व्यसायिक क्षेत्र में दिन में 65 डेसीबल और रात में 55 डेसीबल को सामान्य माना गया है. वहीं रिहायशी इलाकों में दिन में 55 डेसीबल और रात में 45 डेसीबल को सामान्य माना गया है. साइलेंस जोन में इसे दिन में 50 डेसीबल और रात में 40 डेसीबल वहीं औद्योगिक क्षेत्र में दिन में 75और रात में 70 डेसीबल सामान्य माना जाता है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने स्कूल कॉलेज और अस्पताल को साइलेंट जोन में रखा हुआ है, जिसके मुताबिक इन इलाकों में कोई तेज हॉर्न तक नहीं बजा सकता है, लेकिन इसके बाद भी लोग ऐसे इलाकों में ध्वनि प्रदूषण कर रहे हैं जिसके वजह से नोएडा के साइलेंट जोन में रात को पहले से ज्यादा शोर होने लगा है.