(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Noida News: ट्विन टावर को गिराने को लेकर सुरक्षा के इंतजाम पूरे मगर धूल के गुबार को लेकर एक्सपर्ट्स चिंतित, बनाया ये प्लान
Noida: ट्विन टावर को 2 अगस्त को गिराया जाएगा. इसे गिराने की प्रक्रिया में भारी मात्रा में धूल उड़ेगी, जो पर्यावरण और आसपास के लोगों के लिए काफी नुकसानदायक हो सकती है.
Noida Twin Tower Demolition : सुपरटेक ट्विन टावर को गिराने के दिन अब नजदीक आने लगे हैं. लगभग एक महीने से कम का समय बचा है जिसमें इन दोनों टावर को गिराया जाएगा. अगले महीने की 2 तारीख यानी 2 अगस्त से टावर में विस्फोटक लगाया जाएगा. जैसे जैसे दिन नजदीक आ रहे हैं वैसे ही टावर को गिराने की पूरी प्रक्रिया भी तेज हो गई है, आसपास रहने वाले लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई कदम उठाए गए हैं इसमें एनडीआरएफ की टीम की मौजूदगी के साथ पुलिस की मौजूदगी भी शामिल है. दरअसल टावर को 21 अगस्त को गिराया जाएगा और इससे दो दिन पहले एनडीआरएफ की टीम को यहां तैनात कर दिया जाएगा. इसके साथ ही गौतम बुद्ध नगर पुलिस के जवान और दमकल विभाग के कर्मचारियों को भी यहां तैनात किया जाएगा.
धूल से बचाने की तैयारी तेज
सुपरटेक टावर को गिराने का जिम्मा एडीफिस इंजीनियरिंग के पास है और बाकी काम का जिम्मा नोएडा अथॉरिटी के पास है. ऐसे में टावर गिराते वक्त जो सबसे बड़ी परेशानी सामने आने वाली है वो धूल की होगी, क्योंकि एक्सपर्ट्स के मुताबिक ट्विन टावर गिराते वक्त बड़े पैमाने पर धूल उड़ेगी. इससे पर्यावरण को नुकसान होगा. इसे देखते हुए एडिफिस और नोएडा अथॉरिटी ने टावर को सफेद और काले जिओ फाइबर से ढक दिया है, इसके अलावा धूल से बचने के लिए एक और प्लान बनाया गया है. इसमें टावर के आसपास के फूल-पौधों को प्लास्टिक की शीट्स से ढक दिया जाएगा.
फायर ब्रिगेड करेगी धूल पर पानी की बौछार
ट्विन टावर ध्वस्तीकरण के वक्त सबसे बड़ा डर धूल के गुबार का है, इसलिए मौके पर फायर ब्रिगेड की टीम तैनात रहेगी, यह टीम उड़ती हुई धूल पर पानी की बौछार करेगी. एक ओर जहां आसपास रहने वाले लोगों को धूल से बचाने कि कोशिश की जा रही है वहीं सियान और एपेक्स टावर के ध्वस्तीकरण के दौरान आसपास रहने वाले लोगों को नुकसान ना हो इसको ध्यान में रखते हुए मौके पर एनडीआरएफ और पुलिस बल को तैनात किया जाएगा.
बीमा कंपनी लेगी नुकसान का जायजा
वहीं नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों कि मानें तो जिनके घर ट्विन टावर के पास हैं उनको मुआवजे वाली कैटेगिरी में रखा गया है. इन घरों का बीमा करने वाली कंपनी अपने पैरामीटर के हिसाब से इस पूरी घटना का निरीक्षण करेगी. विस्फोट के बाद देखा जाएगा कि आस पास के घरों को नुकसान हुआ है या नहीं.
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