Noida News: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) ने नोएडा (Noida) में एक बिल्डर को ईसी की शर्तों का उल्लंघन कर अवैध निर्माण (Illegal Construction) करने पर 15 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है. दरअसल शहर के सेक्टर 77 में स्थित एक्सप्रेस जेनिथ  (Express Zenith) के निर्माण में एक्सप्रेस बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा ईसी शर्तों के उल्लंघन के खिलाफ दर्ज याचिका पर सुनवाई करने के बाद ये आदेश दिया गया है. एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति एके गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि, बिल्डर को वहां सिर्फ ग्राउंड प्लस 18 मंजिलों बनाने की अनुमति थी फिर भी उन्होंने पांच टावरों में ग्राउंड प्लस 19 मंजिलों का निर्माण किया था.


अवैध निर्माण पर देना होगा 15 करोड़ का मुआवजा


इस पीठ में न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल और अफरोज अहमद शामिल रहे. उन्होंने कहा कि, ज्यादा मंजिलों के निर्माण ने पर्यावरण पर एक अतिरिक्त प्रदूषण भार डाला है. इसलिए बिल्डर मुआवजे का भुगतान करने के लिए जवाबदेह था. वहीं पीठ ने कहा कि, बिल्डर द्वारा ने पांच टावरों में 19वीं मंजिल को बेच दिया गया है. ऐसे में अगर उसे धवस्त किया गया तो वो आसपास के क्षेत्रों को प्रभावित करेगा. इसलिए  हम बिल्डर से मुआवजा वसूलना उचित समझते हैं.


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एक महीने में भरना होगा मुआवजा


पीठ ने आगे ये भी कहा कि, हमने इस मुआवजे में 15 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं, जो कि ईसी में अनुमान के अनुसार परियोजना लागत का 10 प्रतिशत है. हालांकि इसका रियल प्राइज इससे भी ज्यादा हो सकता है. हरित पैनल ने निर्देश दिया कि मुआवजा एक महीने के अंदर जिला मजिस्ट्रेट, गौतमबुद्धनगर के पास जमा किया जाए. अगर एक महीने के अंदर ये मुआवजा जमा नहीं किया गया तो फिर इसे जबरदस्ती के जरिए भी वसूला जा सकता है.


वहीं ट्रिब्यूनल ने ये भी जानकारी दी है कि, इस वसूले गए मुआवजे का इस्तेमाल जिला पर्यावरण योजना के तहत पर्यावरण की बहाली के लिए किया जा सकता है.


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