Twin Tower Demolition: खाली कर दिया गया ट्विन टावर, सोता रह गया गार्ड, ब्लास्ट का बटन दबने ही वाला था लेकिन...
Noida Supertech Twin Tower Demolition: टावर के गिरने से पहले एक व्यक्ति अपार्टमेंट में गहरी नींद में सो रहा था और टावर खाली करने की समय सीमा की बात उसके दिमाग से निकल गयी थी.
Twin Tower Demolition LIVE Updates: नोएडा में ट्विन टावर (Twin Tower) गिराये जाने से पहले एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग सोसाइटी के एक ‘विशेष कार्यबल’ ने एक महीने पहले बहुत बारीकी से बनायी गयी योजना के तहत सोसाइटी के सभी लोगों को वहां से बाहर निकाल लिया था. सोसाइटी के बाशिंदे शुक्रवार से ही बाहर जाने लगे थे. जिन्हें नोएडा से कहीं बाहर जाना था वे पहले ही चले गये थे और जिनकी कहीं आसपास ठहरने की योजना थी, उन्होंने रविवार सुबह तक इंतजार किया. इसी सोसाइटी में ये दोनों अवैध टावर हैं. नोएडा में सुपरटेक के इन ट्विन टावर को रविवार को ढहा दिया गया. एक साल पहले सुप्रीम कोर्ट ने अवैध रूप से बनाये गये इन टावर को गिरा देने का आदेश दिया था.
गहरी नींद में सो रहा था शख्स
एमराल्ड कोर्ट में 15 आवासीय टावर हैं और हर टावर में 44 अपार्टमेंट हैं. लगभग 2500 निवासी और 1200 वाहन हैं. विशेष कार्यबल में सात सदस्य थे जो सोसाइटी के ही निवासी हैं. इस एसटीएफ के अलावा सोसाइटी में हर टावर के लिए एक कप्तान भी है. सुबह सात बजे बच्चों और बुजुर्गों समेत लगभग सभी लोग सोसाइटी के विशेष कार्यबल के सुनियोजित प्रयास के तहत 15 आवासीय टावर को खाली कर चुके थे. एमराल्ड कोर्ट के गौरव मेहरोत्रा ने कार्यबल का नेतृत्व किया. हालांकि सुबह सात बजे से ठीक कुछ देर पहले एक सुरक्षागार्ड ने विशेष कार्यबल को एक टावर की ऊपरी मंजिल पर एक व्यक्ति के रह जाने की सूचना दी.
विशेष कार्यबल के सदस्य नरेश केशवानी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘टावर खाली कराने की हमारी दोहरी पुष्टिकरण प्रक्रिया के चलते हमें इसके बारे में पता चला. जानकारी सामने आयी कि एक को छोड़कर सभी लोग टावर से चले गये. यह भी पता चला कि यह व्यक्ति अपार्टमेंट में गहरी नींद में सो रहा था और टावर खाली करने की समय सीमा की बात उसके दिमाग से निकल गयी थी.’’
सुरक्षित निकाला गया
केशवानी ने कहा, ‘‘किसी तरह सुरक्षाकर्मियों ने उसे जगाया और उसे महज सात बजे के आसपास टावर से बाहर लाया गया.’’ उन्होंने कहा कि विशेष कार्यबल ने एक महीने तक चिंतन-मनन किया और उसने दोहरी पुष्टिकरण प्रक्रिया बनायी. उन्होंने कहा, ‘‘इसी दोहरे पुष्टिकरण प्रक्रिया के चलते ऐसा हो सका कि सो रहे व्यक्ति की पहचान हो पायी और उसे सुरक्षित बाहर निकाला गया.’’