Noida News: जमीन लेने के बाद भी पूरा नहीं हुआ किसानों से किया वादा? यमुना विकास प्राधिकरण को सौंपा ज्ञापन
Noida News: BKU लोकशक्ति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्योराज सिंह भाटी ने किसानों के हित से जुड़े मुद्दों को ज्ञापन के माध्यम से यमुना विकास प्राधिकरण के सीआर सेल के सामने प्रस्तुत किया.
Gautam Buddha Nagar News: यमुना विकास प्राधिकरण (Yamuna Development Authority) ने विभिन्न परियोजनाओं के लिए किसानों की जमीनों का अधिग्रहण (Land Acquisition) किया था. इसके एवज में किसानों से नौकरी और भू-खंडों को देने का वादा किया गया था, जिसे आज तक पूरा नहीं क्या जा सका है और किसान जब भी इसे लेकर संबंधित विभागों में पहुंचते हैं, तो उन्हें किसी ना किसी बहाने से टरका दिया जाता है. इन्हीं मुद्दों को लेकर भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति (Bharatiya Kisan Union Lokshakti) किसानों की आवाज बन कर यमुना विकास प्राधिकरण पहुंची, जहां उन्होंने गौतम बुद्ध नगर (Gautam Buddha Nagar) स्थित प्राधिकरण के सीआर सेल को ज्ञापन सौंप कर अपनी मांगों और परेशानियों से अवगत कराया.
किसानों ने कहा- वादे रह गए कागजों पर ही
किसानों का कहना है कि, यमुना विकास प्राधिकरण के तहत जेवर एयरपोर्ट सहित कई परियोजनाओं के लिए किसानों ने अपनी जमीनें सरकार को इस उम्मीद में दी थीं कि क्षेत्र के विकास के साथ उनकी भी जिंदगी में सुधार आएगा और उन्हें उन परियोजनाओं, फैक्ट्रियों में नौकरी, उनकी जमीनों के बदले आवासीय भू-खंड मिलेगा, लेकिन सरकार और प्राधिकरण के वादे कागजों पर ही रह गए और अब तक किसान को आश्वासन और एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर भटकाने के सिवा कुछ भी नहीं मिला है.
बैठकर चर्चा का अनुरोध
भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्योराज सिंह भाटी ने किसानों के हित से जुड़े विभिन्न मुद्दों को ज्ञापन के माध्यम से यमुना विकास प्राधिकरण के सीआर सेल के सामने प्रस्तुत किया. इसमें उन्होंने, यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र के किसानों के हित को देखते हुए विभिन्न बिंदुओं पर विचार करने और संगठन के पदाधिकारियों के साथ आमने सामने बैठक और वार्ता कर निस्तारण करने का निवेदन किया है.
युवाओं को मिले रोजगार
ज्ञापन में उल्लेखित बिंदु में उन्होंने बताया कि, 40 प्रतिशत क्षेत्रीय युवाओं को रोजगार देने में वरीयता दिये जाने की बात कही गयी थी, लेकिन शुरुआत से ही प्रियागोल्ड कंपनी ने नियम का पालन नहीं किया है और आपसे भी निवेदन है कि जून 2011 के शासनादेश में जिनकी जमीन एक्वायर की गई है उस परिवार को रोजगार देने की बात कही गई थी, तो सर्वप्रथम नक्शा 11 के आधार पर 40 प्रतिशत युवाओं को रोजगार दिया जाना चाहिए, जिसकी निगरानी यमुना विकास प्राधिकरण के किसी सक्षम अधिकारी के हाथ में हो.
ज्ञापन में कहा गया है कि, जेवर एयरपोर्ट में भी सर्वप्रथम उन्हीं परिवार को नौकरी में वरियता दी जाए जिन्होंने बगैर किसी रुकावट के और बिना सोचे-समझे, सहमति देकर एयरपोर्ट बनने के रास्ते में कोई रुकावट पैदा नहीं होने दी.
किसान कोटा वाले प्लॉट धारकों को मिले लाभ
इसके अलावा 21 हजार आवासीय योजना में जो 18-20 सेक्टर में अधिक से अधिक किसान कोटा के आवासीय भूखंड 100 के आस पास होंगे, जिनको प्राधिकरण के द्वारा 2013 में कब्जा देना था, लेकिन आज तक वो भी नहीं हो पाया. इसलिए उन किसान कोटा वाले प्लॉट धारकों को इसके एवज में कोई न कोई लाभ दिया जाना चाहिए, भले ही लीज रेंट माफ करके या कोई और लाभ.
किसानों के दफ्तरों के चक्कर लगवाने को लेकर उन्होंने लिखा कि, किसी भी दफ्तर में प्राधिकरण क्षेत्र के किसान अपनी बात लेकर जाते हैं तो प्राधिकरण का गांव बता कर हर समस्या का समाधान प्राधिकरण से करावाने को कह कर टरका दिया जाता है. उदाहरण देते हुए बताया गया कि, परिवार रजिस्टर की नकल, मुर्दा मवेशी का ठेका जिला पंचायत द्वारा ना उठाया जाना प्राधिकरण क्षेत्र में घरौनी का ना बनाना, पारसौल गांव में जर्जर सामुदायिक केंद्र का ध्वस्तीकरण ना करना, ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा को लेकर भी प्राधिकरण में शिकायत करने को कहा जाता है. इसलिए जो भी क्षेत्र की समस्या हो और प्राधिकरण के अधिकार में भी ना हों तो उस समस्या के निस्तारण के लिए मदद करने तथा पत्राचार करने का अनुरोध किया जाता है.
आवासीय भूखंड, अतिरिक्त मुआवजे की मांग
64.5% अतिरिक्त मुआवजे को पास हुए लगभग आज 10 वर्ष हो गये हैं और आज भी किसान अतिरिक्त मुआवजे को लेकर प्राधिकरण के चक्कर काट रहे हैं. इसलिए भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति ने उसे भी जल्द से जल्द किसानों को देने का अनुरोध किया है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी लिखा कि, यमुना एक्सप्रेस वे के किसानों को अभी तक ना तो 7% आवासीय प्लॉट दिया गया है और ना अतिरिक्त मुआवजा इसलिए तुंरत आवासीय भूखंड और अतिरिक्त मुआवजा दिया जाए.
ब्याज राशि में छूट और आवासीय प्लॉट मिले
अधिकारी चकबंदी गांवों में हाथ डालने से कतरा रहे हैं तो शासन, जिला अधिकारी और चकबंदी अधिकारी को जो भी समस्या इन तीन गांवों में आ गई हैं उनका निस्तारण जल्द से जल्द कराने के लिए पत्राचार किया जाए. किसानों को आवासीय प्लॉट का आवंटन पत्र दिया, लेकिन आज तक प्राधिकरण की तरफ कब्जा से नहीं दिया गया है. उन किसानों पर ब्याज लगाया जा रहा है जो अनुचित है. ब्याज राशि में छूट दी जाए और 2009-10-11 के सभी किसानों को आवासीय प्लॉट जल्द से जल्द मुहैया कराये जाएं. इसके अलावा, प्राधिकरण क्षेत्र में थाना, ईएसआई हॉस्पिटल, आईटीआई कॉलेज को खोले जाने की मांग की गई है. इसके अलावा अन्य बिंदुओं को भी ज्ञापन के माध्यम से प्राधिकरण के संज्ञान में लाकर, उस पर त्वरित कार्रवाई की मांग की गई है.