Skin Bank: दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में खुला उत्तर भारत का पहला स्किन बैंक, इन बीमारियों से पीड़ित मरीज उठा सकते हैं लाभ
North India First Skin Bank: वर्तमान में देश में 16 स्किन बैंक हैं. इनमें महाराष्ट्र में सात, चेन्नई में चार, कर्नाटक में तीन, मध्य प्रदेश और ओडिशा में एक-एक स्किन बैंक हैं.
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Delhi News: उत्तर भारत का पहला स्किन बैंक दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में खुल गया है. मंगलवार से स्किन बैंक ने काम करना भी शुरू कर दिया है. त्वचा संक्रमण, त्वचा कैंसर, मोहस सर्जरी, अल्सर, और धीमी गति से ठीक होने वाले या बड़े घावों के रोगी इस बैंक का लाभ उठाकर अपना इलाज करा सकते हैं. इन बीमारियों से पीड़ित मरीजों को स्किन ग्राफ्टिंग कराने के इस बैंक का लाभ उठा सकते हैं. वर्तमान में देश में 16 स्किन बैंक हैं. इनमें महाराष्ट्र में सात, चेन्नई में चार, कर्नाटक में तीन और मध्य प्रदेश और ओडिशा में एक-एक स्किन बैंक हैं. इंडियन एक्सप्रेस ने बर्न और प्लास्टिक विभाग के प्रमुख डॉ. शलभ कुमार के हवाले से बताया है कि अभी तक हमारे पास दिल्ली या उत्तर भारत में स्किन बैंक नहीं था. लोग हमें फोन करते थे और त्वचा दान के लिए अनुरोध करते थे, लेकिन हम उन पर कार्रवाई नहीं कर सकते थे. डॉ शलभ कुमार ने कहा कि आज लोग अंगदान के बारे में जानते हैं, लेकिन त्वचा दान के बारे में नहीं जानते हैं.
डाॅ. शलभ कुमार के मुताबिक स्किन ग्राफ्टिंग एक बहुत ही सरल प्रक्रिया है. यह मृत व्यक्ति की त्वचा मृत्यु के छह घंटे के भीतर दान की जा सकती है. फिर त्वचा को निकाला और काटा जाता है. उसे मेडिकल साइंस के हिसाब से संरक्षित रखने के लिए संशोधित किया जाता है. इस काम में पांच से छह सप्ताह लगते हैं. इसके बाद इसे मरीजों को संरक्षित स्किन मुहैया कराया जाताहै. किडनी और लीवर के ट्रांसप्लांट के उलट इसे संग्रहित किया जा सकता है. जबकि किडनी और लीवर दान मिलने के कुछ घंटों के भीतर उसे प्रत्यारोपित करना जरूरी होता है. दान में मिले त्वचा को तीन से पांच साल तक संरक्षित रखा जा सकता है.
अभी तक दक्षिण भारत से मंगवाना पड़ता था त्वचा
डॉ. शलभ कुमार के मुताबिक स्किन ग्राफ्टिंग से मृत्यु दर में कमी आती है. रोगियों के जीवित रहने की दर में वृद्धि होती है. उन्हें बेहतर उपचार परिणाम प्राप्त करने में मदद मिलती है. यह मरीज के अस्पताल में रहने और उपचार की कुल लागत को भी कम करता है. पहले हमें गंभीर रोगियों के इलाज के लिए दक्षिणी भारत से त्वचा मंगवाना पड़ता था. अब दिल्ली में स्किन बैंक होने से वहां से मंगवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
स्किन रोग से पीड़ित उठा सकते हैं इसका लाभ
सफदरजंग अस्पताल की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक भारत में हर साल 7 से 10 मिलियन लोग जलने से घायल होते हैं, जो सड़क दुर्घटनाओं के बाद चोट का दूसरा सबसे आम कारण होता है. यदि रोगी की त्वचा गंभीर रूप से जल गई है या क्षतिग्रस्त हो गई है तो त्वचा कैंसर, अल्सर और धीमी गति से ठीक होने वाले या बड़े घावों के मरीज बैंक का लाभ उठाकर स्किन ग्राफ्टिंग करा सकते हैं.
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