Delhi News: डीटीसी बसों में सफर को सुगम बनाने के लिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार रूट को तीन श्रेणियों में बांटने की योजना पर काम कर रही है. इसका फायदा सीधे-सीधे यात्रियों को मिलेगा. सरकार के इस फैसले से न केवल हर रूट पर बसों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी बल्कि यात्रियों को हर 5-20 मिनट के अंतराल पर गाड़ी मिल सकेगी. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बीते सप्ताह बस रूट रेशनलाइजेशन समिति की रिपोर्ट के बाद अधिकारियों के साथ बैठक की.  उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता बेहतर कनेक्टिविटी के साथ लोगों को नियमित अंतराल पर बसे उपलब्ध कराना है ताकि यात्रियों को बसों के लिए  लंबा इंतजार न करना पड़े.


अब हर 5 मिनट पर मिलेगी बस
गहलोत ने कहा कि कि सभी रूटों पर एक फ्रीक्वेंसी में बसें उपलब्ध कराना संभव नहीं है, इसलिए रूटों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है. एक श्रेणी पर जहां यात्री उतरेगा, उसे आगे के रूट के लिए वहीं से गाड़ी मिलेगी. उन्होंने कहा कि अब यात्रियों को 5 से 20 मिनट के नियमित अंतराल पर बसें मिलेंगी. बता दें कि वर्तमान में दिल्ली में  453 और एनसीआर में सात रूट पर डीटीसी और क्लस्टर की कुल 7100 से अधिक बसें चल रही हैं. कभी किसी रूट पर पांच मिनट में बस आ जाती है तो किसी रूट पर बस के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है, लेकिन बस रूट रेशनलाइजेशन से यह समस्या खत्म हो जाएगी. रूट रेशनलाइजेशन में दिल्ली में 500 से अधिक बस रूट होंगे और 11 हजार से अधिक बसें भी चाहिए होंगी. इनमें मिनी बसें भी शामिल होंगी.


ये होंगी रूटों की श्रेणियां
1. ट्रंक रूट: यह रूट लंबा होगा और इस रूट पर 5 से 10 मिनट के अंतराल पर बसें चलेंगी. उदाहरण के  तौर पर रिंग रोड रूट को इस कैटेगिरी में रखा जा सकता है. इसी तरह बाहरी दिल्ली के किसी हिस्से से सीधे कश्मीरी गेट तक चलने वाली बसों को इस रूट में शामिल किया जा सकता है.


2. प्राइमरी रूट: इस रूट में ट्रंक रूट से शहर के दूसरे हिस्से को जोड़ने वाली सड़कें होंगी. इस रूप पर 10 से 15 मिनट के अंतराल पर बस मिलेगी.


3. सेकेंडरी रूट: ये रूट प्राइमरी रूट को अन्य इलाकों से जोड़ने का काम करेगा. इस रूप पर 15 से 20 मिनट के अंतराल पर बसें मिलेंगी. यह रूट बड़े इलाकों को आंतरिक सड़कों से जोड़ेगा.


क्या है सरकार की तैयारी
. सरकार 550 से अधिक बस रूट बनाने की तैयारी कर रही है.


. न्यूनतम 5-10 और अधिकतम 15-20 मिनट के अंतराल पर बसें मिलेंगी.


. इसके लिए सरकार को 11,700 बस व मिनी बसों की जरूरत होगी.


यात्रियों को कैसे मिलेगा फायदा
मान लीजिये कि आपको लाजपत नगर से कनॉट प्लेस जाना है तो इसके लिए अभी सीधे कनॉट प्लेस जाने वाली बस का इंतजार करना पड़ता है. मगर तय रूट होने के बाद आप ट्रंक रूट (रिंग रोड) से आईटीओ उतरकर प्राइमरी रूट (कनॉट प्लेस) की बस पकड़ सकते हैं.


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