Delhi News: देश की राजधानी दिल्ली समेत इलेक्ट्रिक व्हीकल का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है. केंद्र और दिल्ली सरकार भी ज्यादा से ज्यादा ग्रीन एनर्जी से चलने वाले वाहनों के इस्तेमाल के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही है. साथ ही पेट्रोल-डीजल जैसे ईंधनों से चलने वाले वाहनों के अन्य विकल्पों को अपनाने पर भी काम कर रही है. इसी कड़ी में अब बिजली से दौड़ने वाली बसों की योजना पर विस्तृत पैमाने पर काम किया जा रहा है. इसके लिए ई-हाइवे बनाया जा रहा है. ई-हाईवे पर आने वाले कुछ वर्षों में देश मे पहली बार बिजली से चलने वाली बसें दौड़ती नजर आएंगी. ई-हाईवे पर ई-बसें 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से सरपट दौड़ेंगी. अभी आपको भले ही ये बातें काल्पनिक लग रही होंगी, लेकिन ये हकीकत है. 


दरअसल, केंद्रीय राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय देश का पहला इलेक्ट्रिक एनेबल्ड हाइवे बनाने की दिशा में काम कर रहा है. इसके तहत अगले 6 वर्षों में दिल्ली-जयपुर राजमार्ग पर विद्युत ऊर्जा से चलने वाली बसें फर्राटा भरती नजर आएंगी. इन बसों को दिल्ली से जयपुर के बीच 225 किलोमीटर की दूरी में चलाया जाएगा. इन बसों में 55 सवारियों के बैठने की जगह होगी और इनकी गति 100 किलोमीटर प्रतिघंटे तक हो सकती है. दो बसों को जोड़कर 95 सीटों वाली बस के प्रोटोटाईप पर भी काम किया जा रहा है.


क्या होता है इलेक्ट्रिक हाइवे?


सबसे पहले आपको बता दें कि इलेक्ट्रिक हाईवे उसे कहा जाता है, जिस पर हर प्रकार की इलेक्ट्रिक व्हीकल चल सकती है. इस हाइवे पर इलेक्ट्रिक व्हीकल को इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों को कई सविधाएं मिलती हैं. इसमें पेट्रोल पंप के तर्ज पर ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, बैटरी स्वाइपिंग मशीन व अन्य सुविधाएं शामिल हैं. इस हाईवे पर इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए थोड़ी-थोड़ी दूरी पर चार्जिंग पॉइंट भी होंगे.


दिल्ली-जयपुर राजमार्ग पर बनाया जाएगा डेडिकेटेड लेन


ई-हाइवे परियोजना से जुड़े अधिकारियों के अनुसार इलेक्ट्रिक हाईवे के लिए अलग से सड़क नहीं होगी बल्कि दिल्ली.जयपुर राजमार्ग पर ही इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए डेडिकेटेड लेन होगी. इस लेन के ऊपर बिजली की लाइनें होंगी. ये तार इलेक्ट्रिक बसों और ट्रकों को बिजली प्रदान करेंगे. इस परियोजना को बनाओ, चलाओ और ट्रांसफर करो योजना के तहत बनाने की योजना है. टाटा और सीमेंस जैसी कंपनियां इस प्रोजेक्ट में दिलचस्पी दिखा रही हैं. इलेक्ट्रिक हाईवे बसें और ट्रक सामान्य इलेक्ट्रिक वाहनों से अलग होंगे. अन्य विद्युत उपकरण जो बैटरी पर चलते हैं उन्हें चार्ज करने की आवश्यकता होती है, लेकिन इलेक्ट्रिक हाईवे के लिए डिजाइन की गई बसें बैटरी से नहीं चलेंगी. बसों में निरंतर बिजली की आपूर्ति होती रहती है, इसलिए इन्हें चार्ज नहीं करना होता.


ट्रेन और मेट्रो की तर्ज पर चलेंगी बसें


आपने ट्रेन और मेट्रो के ऊपर एक इलेक्ट्रिक वायर देखा होगा. ये वायर एक आर्म के माध्यम से ट्रेन के इंजन से जुड़ा होता है. इसी की वजह से सारी ट्रेन में बिजली की आपूर्ति की जाती है. ऐसे ही हाइवे पर भी इलेक्ट्रिक वायर लगेंगे. हाइवे पर चलने वाले वाहनों को इन वायर्स की मदद से बिजली की आपूर्ति होगी.


ईंधन के बचत के साथ ट्रैफिक भी होगा स्मूथ


बिजली से चलने वाली बसों की योजना के मूर्त रूप लेने से जहां एक तरफ ईंधन की बचत होगी वहीं इससे सड़कों पर ट्रैफिक पर भी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा. ये बसें डेडिकेटेड लेन में चलेंगी तो यात्री अपने गंतव्य तक भी समय से पहुंच सकेंगे. वर्तमान में स्वीडन, जर्मनी समेत कई यूरोपीय देशों में इस तरह की बसें चलाई जा रही हैं,  जिससे वहां की सड़कों पर ट्रैफिक का लोड काफी कम हो गया है.


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