Gurugram News: गुरुग्राम में देश की पहली फोर्टिफाइड चावल बनाने की लैब शुरू की गई है. देश मे सभी लोगों को पोषण युक्त फोर्टिफाइड चावल मिल सके इसके लिए सरकार ने इसकी शुरुआत कर दी है. इसी कड़ी में देश की पहली गुणवत्ता नियंत्रण लैब की शुरुआत गुरुग्राम से केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने की है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कहा था कि देश के लोगों के स्वास्थ्य को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया है और अब फोर्टिफाइड चावल लोगों को मिलेगा. इसी चरण में केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने पहली फोर्टिफाइड लैब का उद्घाटन गुरूग्राम में किया. फोर्टिफाइड राइस का मतलब होता है, पोषणयुक्त चावल. इसमें आयरन, विटामिन बी-12, फॉलिक एसिड जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में होते हैं. यानी इस चावल का सेवन करने वाले लोग कुपोषण का शिकार नहीं होंगे. फोर्टिफाइड चावल में जरूरी सूक्ष्म पोषक तत्व, विटामिन और खनिज की मात्रा को कृत्रिम तरीके से बढ़ाया जाता है.



सरकार ने लोगों के स्वास्थ्य को देखते हुए की शुरुआत 


सरकार ने लोगों के स्वास्थ्य को देखते हुए इस फोर्टिफाइड राइस की शुरुआत की है. लैब में तैयार करने के बाद फोर्टिफाइड चावल को सामान्य चावल में मात्रा के अनुसार मिला जाता है, जिससे फोर्टिफाइड चावल पूरे चावल को पोषण युक्त कर देता है. गुरूग्राम में शुरू हुई गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला में काम भी शुरू हो गया है. सबसे बड़ी बात ये है कि अब विदेशों में या प्राइवेट लैब में चावल टेस्टिंग के लिए नहीं भेजना पड़ेगा और अत्याधुनिक उपकरणों और तकनीक से तैयार ये लैब फोर्टिफाइड राइस तैयार करने में सक्षम है.


आंकड़ों में हुआ ये बड़ा खुलासा 


इस भागदौड़ की जिंदगी में आज हमारे देश में लगभग हर दूसरी महिला एनीमिया से जूझ रही है, जबकि हर चौथा बच्चा कुपोषण से ग्रसित है. आंकड़े बताते हैं कि 70 फीसदी लोगों को जरूरी पोषक तत्वों का 50 फीसदी भी नहीं मिल पाता है. कुपोषण के कारण देश में 5 वर्ष तक के बच्चों की 68 फीसदी आबादी जिंदा नहीं रह पाती. 5 वर्ष से पहले ही उनकी मौत हो जाती है. कुपोषण की वजह से प्रोडक्टिविटी, बीमारी और मृत्यु से सालाना 7400 करोड़ रुपये के बराबर क्षति होती है. कुपोषण के कारण शारीरिक रूप से कमजोर लोग, एक स्वस्थ व्यक्ति की तुलना में 20 फीसदी कम कमाई कर पाने के लायक रहते हैं. ऐसे में भारत जैसे विकासशील देश के लिए कुपोषण एक गंभीर समस्या है. इसी चुनौती से लड़ने के लिए केंद्र सरकार ने गरीबों को फाेर्टिफाइड राइस यानी पोषणयुक्त चावल मिल सके इसके लिए पहले चरण में लैब शुरू की है. इसके अलावा देश में अलग अलग ऐसी लैब 4 और शुरू की जाएंगी जहां ये तैयार हो सके. साल 2024 से पहले देश के कई हिस्सों तक ये चावल पहुंच जाएगा.


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