Delhi News: एप बेस्ड टैक्सी सर्विस पर लगाम लगाने की तैयारी, किराया तय करेगी सरकार
Delhi News: दिल्ली परिवहन विभाग ऐप आधारित टैक्सी कंपनियों के किराए को लेकर मनमानी के लिए टैक्सी एग्रीग्रेटर नीति लाने जा रही है, जिसका काम अंतिम चरण में है.
Delhi News: मोबाइल ऐप आधारित टैक्सी संचालन कंपनियों की किराये को लेकर मनमानी पर अब सरकार लगाम लगाने जा रही है. अब इन कंपनियों का किराया सरकार तय करेगी. परिवहन विभाग ऐप आधारित टैक्सियों का बेस किराया खुद तय करेगा. यही नहीं टैक्सी की मांग बढ़ने पर उसके किराये में होने वाली सर्ज प्राइसिंग (किराया बढ़ाने) की अधिकतम सीमा बेस किराये के दोगुने से ज्यादा नहीं होगी.
दिल्ली में जल्द लागू होगी एग्रीगेटर नीति
दिल्ली परिवहन विभाग ऐप आधारित टैक्सी कंपनियों के किराए को लेकर मनमानी के लिए टैक्सी एग्रीग्रेटर नीति लाने जा रही है, जिसका काम अंतिम चरण में है. जल्द ही इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. बता दें कि परिवहन विभाग ने बीते जून को एग्रीग्रेटर नीति को लेकर जनता से सुझाव मांगे थे. परिवहन विभाग को कुल 160 से अधिक सुझाव मिले हैं. इसमें ऐप आधारित टैक्सी संचालकों के किराए, यात्रियों की सुरक्षा के अलावा यात्रियों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को लेकर भी सुझाव मांगे गए थे. इस नीतिक को लेकर परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने शुक्रवार को एक बैठक बुलाई है. बताया जा रहा है कि इस योजना का कार्य अंतिम चरण में है. इस नीति में यात्रियों की सुरक्षा, किराए को लेकर कई अहम प्रावधान किये गए हैं.
लाइसेंस रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी शर्तें
. बेड़े में कम से कम 25 वाहन शामिल होने चाहिए.
. 3 साल के अंतराल पर लाइसेंस का पंजीकरण कराना होगा.
. यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए 24 घंटे चलने वाला नियंत्रण कक्ष बनाना होगा.
बेड़े में ई-वाहन बढ़ाने होंगे
परिवहन विभाग ने मोबाइल ऐप आधारित टैक्सी संचालकों को ई-टैक्सी को बेड़े में शामिल करने का प्रावधान किया गया है. मौजूदा बेड़े को आने वाले पांच साल के अंदर ई बेड़े में बदलना होगा. पहले 6 महीने में बेड़े में 10 दोपहिया, 10 तिपहिया और 5 चौपहिया वाहन शामिल करने होंगे और पांच साल में पूरा बेड़ा ई-वाहनों में बदलना होगा.
किराए में दोगुने से अधिक बढ़ोत्तरी नहीं
नई नीति लागू होने के बाद सर्ज प्राइस बेस प्राइस के दोगुने से ज्यादा नहीं होगा. अभी दिल्ली में मोबाइल ऐप आधारित टैक्सियों का किराया मांग के आधार पर तय होता है, जहां मांग ज्यादा होती है वहां किराया बढ़ा दिया जाता है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अब यदि बेस किराया 16 रुपए है तो अधिकतम किराया 32 रुपए प्रति किमी तक ही बढ़ाया जा सकेगा.
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